पटना: बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश आंबेडकर दलितों के हित पर चुप रहने से इतने नाराज़ दिखे कि सभी दलों के दलित सांसदों को 'भाड़े का टट्टू' कह दिया. प्रकाश आंबेडकर ने आरोप लगाया की आरक्षित सीटों पर चुनाव जीतने वाले नेता किसी भी पार्टी में हो जब तक शीर्ष नेतृत्व से आदेश न मिले तो वे दलित हित की बात तक नहीं करते. वे 24 जून को गांधी मैदान में होने वाले 'संविधान बचाओ देश बचाओ' की रैली में शामिल होने पटना आए हैं.


आज पटना में एक होटल में पत्रकारों से उन्होंने बात की. प्रकाश आंबेडकर जब ये कह रहे थे तो बगल में बिहार के पूर्व स्पीकर और 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' के आयोजक उदय नारायण चौधरी थे. जब ये पूछा गया कि आपके बगल में उदय नारायण चौधरी बैठे हैं, इन्होंने भी स्पीकर रहते कभी आवाज़ नहीं उठाई, इसपर चौधरी ने अपनी सफाई में कहा कि वे संवैधानिक पद पर थे इसलिए वे कुछ नहीं कह पा रहे थे.


प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि देश में दलितों की हालत ख़राब है. बीजेपी और आरएसएस संविधान बदलने की तैयारी में है. उनसे जब पत्रकारों ने सवाल पूछा कि जब एनडीए में सबसे ज़्यादा सांसद और विधायक दलित हैं तो आरक्षण कैसे ख़त्म किया जा सकता है. इस सवाल पर बाबा साहेब के 1952 में दिए बयान का हवाला देते हुए तमाम दल के दलित नेताओं को 'भाड़े का टट्टू' कह दिया. वे ये बात भूल गए कि उनके बग़ल में पूर्व विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी बैठे है जो 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' के आयोजक भी हैं. उदय नारायण चौधरी बिहार के बड़े दलित नेता माने जाते हैं. कुछ दिन पहले तक जेडीयू में हुआ करते थे, आजकल शरद यादव के साथ हैं.


आरक्षण को लेकर प्रकाश आंबेडकर की नाराजगी बीजेपी और आरएसएस से ही सबसे ज़्यादा दिखी. वहीं कांग्रेस को क्लीन चिट देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ संशोधन करवाए लेकिन बीजेपी तो संविधान ही बदलना चाहती है. उदय नारायण चौधरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के मंत्री उपेंद्र कुशवाहा महागठंबधन में आएं क्योंकि वे भी आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन नीतीश कुमार के लिए दरवाज़ा बंद है.