मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर का वो बालिका गृह जहां 30 से ज्यादा बच्चियों के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं, उसे तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है. बालिका गृह की इमारत के चारों तरफ घर हैं इसलिए इमारत को तोड़ने के लिए किसी भी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और सिर्फ मजदूर मैन्युअल तरीके से इमारत तोड़ेंगे.


बालिका गृह कांड की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बालिका गृह की इमारत की डिज़ाइन को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. इसके बाद नगर निगम ने जब इस इमारत का नक्शा खंगाला तो पता चला कि दरअसल 2004 में ब्रजेश ठाकुर ने सिर्फ ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर का ही नक्शा पास कराया था और उसके ऊपर की दो मंजिलें गैरकानूनी तरीके से बनाई. जबकि जिन फ्लोर का नक्शा पास कराया गया था वो भी निगम के नियमों के मुताबिक नहीं था. यानी कि पूरी की पूरी इमारत बिल्डिंग बाईलॉज़ के खिलाफ बनाई गई है.


बीते 10 नवंबर को नगर निगम ने ब्रजेश ठाकुर के परिवार को इमारत ढहाने के लिए एक महीने का समय दिया था लेकिन इस एक महीने में भी ब्रजेश ठाकुर के परिवार ने बिल्डिंग नहीं गिराई इसीलिए अब नगर निगम ने पूरी इमारत तोड़ने का काम शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेश कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि पूरी की पूरी इमारत तोड़ी जाएगी.


सुरेश सिंहा ने बताया कि किस तरीके से ये इमारत बिल्डिंग बाईलॉज़ के खिलाफ गरीक़ानूनी तरीके से बनाई गई है और इसे तोड़ने में किस तरह की परेशानियां आने वाली हैं. सुरेश कुमार ने बताया कि इमारत को तोड़ने में आने वाला सारा खर्चा ब्रजेश ठाकुर से वसूला जाएगा.