बिहार: राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाएंगे रामविलास पासवान, किसी और ने नहीं भरा नामांकन
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में रामविलास पासवान ने 21 जून को अपना नामांकन दाखिल किया था. बिहार की राज्यसभा की खाली हुई एक सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आज समयसीमा खत्म हो गई. नामांकन के पर्चों की जांच 26 जून को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 28 जून है जबकि वोटिंग और वोटों की गिनती पांच जुलाई को होगी.
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बिहार से राज्यसभा सांसद चुना जाना लगभग तय है. दरअसल बिहार की खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की समयसीमा आज खत्म हो गई. एलजेपी अध्यक्ष के अलावा किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया. उन्होंने 21 जून को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में विधानसभा परिसर में अपना नामांकन दाखिल किया था.
नामांकन के पर्चों की जांच 26 जून को होगी वहीं नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 28 जून है. वोटिंग और वोटों की गिनती 5 जुलाई को होगी. बिहार में एनडीए को राज्य विधानसभा में पर्याप्त बहुमत है.
राज्यसभा की इस सीट का पहले बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद कर रहे थे लेकिन अब वे लोकसभा के सांसद चुने गए हैं. ऐसे में ये सीट खाली हो गई थी जिसपर चुनाव करना जरूरी हो गया था. बता दें कि इस बार रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव नहीं लड़े. अपनी पारंपरिक हाजीपुर सीट पर उन्होंने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को उतारा. पशुपति ने इस सीट से जीत दर्ज करते हुए एलजेपी के लिए ये सीट बरकार रखी. इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे पासवान की पार्टी के बेहतर रहे. अपने कोटे की सभी छह सीटों पर एलजेपी ने जीत की.
जाहिर है कि रविशंकर प्रसाद पिछले साल लगातार तीसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने पटना साहिब सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. पटना साहिब सीट पर उन्होंने कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा को करारी शिकस्त दी.