पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले आरजेडी और जेडीयू के बीच एक बार फिर विधायकों के पाला बदलने का खेल शुरू होने वाला है. दोनों दल अपने अपने दावे कर रही है. आरजेडी ने तेजस्वी यादव को तो एनडीए ने नीतीश कुमार को अपना चेहरा घोषित किया हुआ है. इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं.
बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने दावा किया कि बिहार विधानसभा के बजट सत्र के बाद आरजेडी और कांग्रेस के कई विधायक जेडीयू में आ सकते हैं. ये दावा अशोक चौधरी ने तब किया जब आरजेडी के विधायक और तेजस्वी यादव के करीबी विजय प्रकाश ने कहा कि जेडीयू के 30 से 35 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं और कभी भी पाला बदल सकते हैं.
आज आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने दावा किया कि एनडीए को हम तोड़ना क्यों चाहेंगे. हम नीतीश कुमार नहीं हैं. हम बीजेपी नहीं जो देश और जनता को बरगला कर अपने पक्ष में करना चाहते हैं. बिहार में खुद लोग हमारे साथ आना चाहते हैं और आएंगे. हम लोग किसी को पूछने के लिए नहीं जाते हैं. जेडीयू के लोग आरजेडी में आना चाह रहे हैं. रांची में लालू प्रसाद यादव से मिलने जेडीयू के एक एमएलसी भी गए. लगभग 30 से 35 विधायक संपर्क में हैं.
पाला बदलने वालों को टिकट की गारंटी नहीं- विजय प्रकाश
हालांकि, विजय प्रकाश ने ये तुरंत साफ किया कि वे लोग अगर आएंगे तो टिकट की गारंटी नहीं है. पहली प्राथमिकता अपने दल के कार्यकर्ताओं को दी जाएगी, जिन्होंने मुश्किल में साथ दिया है. जिन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव को ताकत दी. इसलिए पहले अपने कार्यकर्ताओं का खयाल रखा जाएगा और बाद में दूसरों पर विचार किया जाएगा.
बजट सत्र के बाद सब पता चल जाएगा- अशोक चौधरी
वहीं आरजेडी के इस दावे की हवा निकालते हुए बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बजट सत्र के बाद पता चल जाएगा कि हकीकत क्या है. अशोक चौधरी ने कहा, ''कौन कहता है हमारे 30-35 विधायक इधर से उधर जाने वाले हैं. ये सिर्फ हवा पानी बनाने के लिए है. जावेद इकबाल अंसारी, लालू प्रसाद यादव से मिलने गए. इसके बाद ये लोग बोल रहे है कि 30 से 35. क्या हाल होगा इनलोगों का अभी कुछ दिन रुक जाइए. बजट सत्र के बाद, आरजेडी और कांग्रेस के कितने लोग संपर्क में हैं. अभी तुरंत पता चल जाएगा.''
मंत्री ने आगे कहा, ''ये तो दिखेगा की जनता किसके साथ है. कितने लोग संपर्क में हैं और कौन किधर है. जिसका चेहरा मजबूत होता है, लोग उसके साथ जाते हैं. कौन नहीं जानता है कि पूरे प्रदेश में नीतीश कुमार का चेहरा चुनाव जिताने की हैसियत रखता है. एनडीए के विधायक कैसे चले जाएंगे टूटकर...बजट सत्र खत्म होने दीजिए, उसके एक या दो महीने के बाद देखिएगा कि क्या होगा.''