बिहार: महागठबंधन में नहीं था कोई तालमेल, सवर्ण आरक्षण का विरोध पड़ा महंगा- रघुवंश प्रसाद सिंह
आरजेडी के सीनियर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने माना कि महागठबंधन में कोई तालमेल नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच की लड़ाई का भी असर हुआ.
पटना: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद एक-एक कर के आरजेडी के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. अब पार्टी के सीनियर नेता आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने माना कि महागठबंधन में कोई तालमेल नहीं था. उन्होंने कहा कि सवर्ण आरक्षण का विरोध मंहगा पड़ा. इतना ही नहीं रघुवंश प्रसाद सिंह के मुताबिक तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच की लड़ाई से भी चुनाव में नुकसान हुआ.
रघुवंश इस बार बिहार की वैशाली लोकसभा सीट से मैदान में उतरे थे. यहां उन्हें एलजेपी की वीणा देवी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. रघुवंश प्रसाद सिंह को दूसरे नंबर पर रहे. उन्हें कुल 333631 वोट मिले. विजेता वीणा देवी को 568215 वोट मिले. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी.
गौरतलब है कि संसद में आरजेडी के सांसदों ने गरीब सर्वण आरक्षण बिल का विरोध किया था. बाद में आरजेडी ने कहा कि ये उनके घोषणापत्र का हिस्सा रहा है. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इसे झुनझुना बता दिया था. वहीं इस चुनाव में तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की तकरार खुलकर सामने आई. तेजप्रताप ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ जनसभाएं की और लालू-राबड़ी मोर्चा के तहत कैंडिडेट भी उतारे. तेजप्रताप लगातार पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ बयान देते रहे. अपने ससुर और सारण से आरजेडी के उम्मीदवार चंद्रिका राय को उन्होंने ‘बहरूपिया’ तक कह दिया था. वहीं जहानाबाद से आरजेडी उम्मीदवार को आरएसएस का एजेंट बताया था.
बिहार की कुल 40 सीटों में से एनडीए (बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी) ने 39 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए महागठबंधन की कमर तोड़ दी. कांग्रेस किशनगंज की सीट जीतने में कामयाब हुई. महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के अलावा हम, आरएलएसपी और वीआईपी पार्टी शामिल थी. बिहार में सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ने वाली पार्टी आरजेडी ही थी. आरजेडी इस बार 19 सीटों पर चुनाव लड़ी.
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