पटना: बिहार में लोकसभा सीटों को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच बंटवारा हो गया है लेकिन रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने पेंच फंसा दिया. जेडीयू को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर तक खुशखबरी आ जाएगी. जेडीयू के टॉप लेवल के नेताओं की मानें तो बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के तालमेल का एलान किसी भी वक्त हो सकता है.


सूत्र बताते हैं कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है और बस एलान होना बाकी है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी को सिर्फ रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी से तय करना है कि उनको कितनी सीटें देनी हैं. सूत्र ये भी कह रहे हैं कि जेडीयू और बीजेपी के बीच बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने का फॉर्मूला तय हो गया है. पार्टी के नेता काफी उत्साहित हैं. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह के मुताबिक खुशखबरी मिलने ही वाली है.


उधर आज एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि अबतक कोई फाइनल बात नहीं हुई है. एलजेपी ने तो अब यूपी और झारखंड में सीटों की मांग कर दी है. नीतीश कैबिनेट में मंत्री और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "पूरे देश में अभी सीट पर कोई बटवारा नहीं हुआ है. सभी लोग जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहा है उसमें व्यस्त हैं. यह अखबार का न्यूज है कि सीटों का बटवारा हो गया है. यह किसी दल की न्यूज नहीं है. न ही भाजपा का, न ही लोजपा का, न ही जेडीयू का और न ही उपेन्द्र कुशवाहा जी का. किसी लीडर का तो नाम नहीं है. यह अखबार का न्यूज है और सत प्रतिशत गलत है. अभी तक एनडीए की बैठक सीट बटवारे पर नहीं हुई है. कितना सीट हम चाहते हैं यह तो बैठक में बताएंगे.’’


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''हम 2014 में सात सीट पर लड़े थे. सात में छः जीते थे. सातवां भी जीते थे मगर प्रशासन द्वारा हम हराये गए. हमारा उम्मीदवार कम वोट से हारा था. हमारी पार्टी का ग्राफ बढ़ा है. इसलिए हम डिमांड करेंगे कि हमारी पार्टी को सात सीट मिले थे, सात सीट मिले. बगल में झारखंड स्टेट है, यूपी है वहां हमारी पार्टी का काफी अच्छा जनाधार है. बोकारो है, गिरीडीह है, जमशेदपुर है, पलामू है यहां हमारे पार्टी का बिहार से भी अच्छा जनाधार है. इस लिए हम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मांग करेंगे कि आप हमको वहां भी सीट दें. इससे एनडीए फायदा में रहेगा. एक भी सीट लोजपा को मिलता है तो एनडीए की बढ़ोतरी होगी. इसलिए हम उनसे सादर पूर्वक निवेदन करते हैं कि आप वहां पर भी हमको सीट दें’’ वहीं आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी एबीपी न्यूज़ से कहा है कि बातचीत हो रही है अभी कुछ तय नहीं हुआ है.


अब सवाल ये उठता है कि आखिर पेंच कहां अटका है. दरअसल बीजेपी तीन राज्यों में चुनाव का हवाला देकर इस बिहार के विवाद को टालना चाहती है लेकिन जेडीयू सीटों की संख्या को लेकर काफी गंभीर है और इसे जल्द सार्वजनिक किए जाने की मांग पर कायम है ताकि आखिरी समय में कोई मलाल न रहे. बाकी दोनों पार्टियां बीजेपी से ज़्यादा सीट लेने को लेकर दबाव बनाए हुए है.


बीजेपी और जेडीयू के बीच खिचड़ी पक चुकी है लेकिन ‘खीर’ बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को दो सीटों पर अटकाना टेढ़ी खीर हो गई है. रामविलास पासवान भी इस बंटवारे में अपनी दावेदारी पर अब भी कायम हैं. जेडीयू सूत्रों की माने तो बीजेपी जेडीयू के बीच सीटों की संख्या उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए में रहने या निकल जाने की स्थिति में पता चलेगा, क्योंकि अगर कुशवाहा बाहर गए तो उनके कोटा की सीटों को दोनों में बांटा जाएगा. ये संख्या 16 से 18 के बीच कुछ भी हो सकती है.