पटना: बिहार के मोकामा में एक आश्रय गृह से शनिवार को सात नाबालिग लड़कियों के फरार होने के कुछ घंटों बाद इनमें से छह लड़कियां दरभंगा जिले में मिल गयी हैं. पुलिस ने यह जानकारी दी. दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बाबू राम ने बताया, ‘‘छह नाबालिग लड़कियां शनिवार शाम को गंगौली गांव में मिलीं. यह गांव सकतपुर पुलिस थाना अंतर्गत आता है.’’
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पटना से पुलिस की टीम यहां लापता लड़कियों की तलाश में आयी थी. पूछताछ के दौरान पुलिस को लड़कियों के यहां होने का पता चला था. इनमें से एक लड़की गंगौली गांव की रहने वाली है. एसएसपी ने बताया कि यह लड़की पांच अन्य के साथ गांव में मिली और यहां आयी पुलिस टीम ने उन्हें पूछताछ के लिये हिरासत में ले लिया है.
विपक्षी दलों ने बिहार में एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा आरोप लगाया कि ये पांचों लड़कियां सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई द्वारा यौन उत्पीड़न कांड की जांच में गवाह हैं. उन्होंने दावा किया कि उनका गायब होना एक ‘साजिश’ है जिसे सत्तारूढ़ पार्टी ने ‘सत्ताधारियों’ को बचाने के लिये रचा है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक राज कुमार ने बताया, ‘‘मोकामा स्थित आश्रय गृह से शनिवार तड़के साढ़े तीन बजे के आसपास सात नाबालिग लड़कियां एक खिड़की की ग्रिल तोड़कर भाग गईं. यहां उनके हिंसक व्यवहार को सुधारने की कवायद चल रही थी.’’
समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने कहा कि अभी यह पता लगाया जाना बाकी है कि क्या इन लड़कियों में मुजफ्फरपुर बालिका गृह की लड़कियां भी थीं. राजधानी पटना से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आश्रय गृह से फरार हुई लड़कियों को पता लगाने के लिये श्वान दस्ते और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली गई.
इस बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री समेत पूरे तंत्र को बचाने के लिए मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड की पांच गवाह लड़कियां मोकामा शेल्टर होम से गायब की गईं. भगवान इन अनाथ बच्चियों को दरिंदों से बचाए. काले पाप से किए काले मुंह को बचाने के लिए सत्ताधारियों को क्या-क्या नहीं करना पड़ रहा है.
वहीं, राबड़ी देवी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बताना चाहिए कि वह इतने डरे हुए क्यों हैं.’’ आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने इस घटना पर नीतीश सरकार की निंदा की है. कांग्रेस विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि मुजफ्फरपुर मामले में कुछ लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट को मोकामा से लड़कियों के गायब होने पर संज्ञान लेना चाहिए.’’
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