Bihar Shikhar Sammelan: 'बिहारी बाबू' के नाम से मशहूर बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एबीपी न्यूज़ के बिहार शिखर सम्मेलन में कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के कैंप का था इसलिए मंत्री नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को मैं हमेशा परिवार की तरह देखता हूं. अगले सियासी कदम से जुड़े सवाल पर उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि 'हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है.'
सरकार में विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं
आप सरकार में हैं लेकिन विपक्ष की भूमिका में इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शायद मेरी यही फितरत है. मैं कई लोगों से ट्रेनिंग लेकर आया हूं, मैं राजनीति में कुछ पाने नहीं आया इसलिए सच्चाई के साथ सब कहता हूं. मैं पहले भारत की जनता का हूं. मुझे जो जनहित में लगता है वहीं करता हूं.
बीजेपी का कौन सा फैसला देश हित में नहीं हुआ ?
उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा, ''मैं दूसरी तरफ परिवारवाद तो अपने यहां व्यक्ति पूजा देखता हूं. लोकतंत्र में तानाशाही नहीं होती. अगर नोटबंदी ठीक नहीं लगी तो बोला. लोग बेघर हो गए नोटबंदी की वजह से, उनकी नौकरी चली गई और हम एक व्यक्ति की पूजा करते रहे ये नहीं होगा मुझसे.
क्या पीएम मोदी से आपने बात की
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा,'' मैं बहुत सिद्धांतबादी हूं. मुझे पार्टी का मंच ही नहीं मिल रहा तो कहां अपनी बात कहूं. पीएम मोदी से एक बार फिडबैक देने के लिए मिलने को कहा तो मुझे बताया गया कि पार्टी अध्यक्ष से मिलिए. मैं शिकायत नहीं कर रहा बल्कि आपके सवाल का जवाब दे रहा हूं. मैं बस आइना दिखा रहा हूं. व्यक्ति से बड़ा पार्टी और पार्टी से बड़ा देश होता है. मैं देश हित की बात करता हूं. मीडिया में इसलिए बात कर रहा हूं क्योंकि लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ है.''
पीएम मोदी का विरोध क्यों
शत्रुघ्न सिन्हा ने इस सवाल के जवाब में कहा, ''मेरा विरोध पीएम मोदी से नहीं मुद्दों से है. मैं आडवाणी कैंप का था इसलिए शायद मंत्री नहीं बनाया गया. मैं इसके अलावा नहीं जानता क्यों नहीं बनाया गया. क्या मुझ पर कोई भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. आप टीवी एक्ट्रेस को HRD मिनिस्टर बना देते हैं तो मुझे क्यों कहा जाता है कि आप फिल्मों से हैं आपका अनुभव नहीं. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी जो अटल जी वाली और पीएम मोदी वाली बिलकुल अलग है. अटल जी के समय लोकशाही थी आज तानाशाही है.''
चाय बेचने की बात सिर्फ एक स्टंट है
मोदी जी के चाय बेचने वाली बात पर भी उन्होंने निशाना साधा और इसे एक स्टंट करार दिया. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा इसका सिर्फ वह इस्तेमाल कर रहे हैं. यह एक स्टंट है. उन्होंने कभी चाय नहीं बेची.
बीजेपी क्यों नहीं छोड़ देते ?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-लोग कहते हैं आप बीजेपी क्यों नहीं छोड़ देते, मैं पूछता हूं बीजेपी मुझे क्यों नहीं निकाल देती. अच्छे दिन अब तक नहीं आए''
अमित शाह से मुलाकात हुई
जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात होती है, इसपर उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के चुनावों के दौरान वे व्यस्त रहे इसलिए मुलाकात नहीं हो पाई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मायावती और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन के बाद अमित शाह इस हालत में नहीं है कि किसी से मिल सकें. शत्रुघ्न सिन्हा ने मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन को सोने पर सुहागा बताया.
आगे की रणनीति क्या है
इस सवाल के जवाब में शत्रुध्न सिन्हा ने शायराना अंदाज में कहा कि हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है. हालाकि उन्होंने कहा कि वह चुनाव पटना साहिब से ही लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ''यह बात सच है कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है लेकिन मेरी पहली, दूसरी और आखिरी पसंद पटना साहिब है.
राहुल में जबरदस्त परिपक्वता आई है
शत्रुध्न सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें जबरदस्त परिपक्वता दिखाई है. अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने तीन राज्यों में जीत दर्ज की इससे ज्यादा और क्या चाहिए.