पटनाः बिहार में एक बार फिर से एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम(AES) यानि चमकी बुखार अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. इस साल सरकार और स्वास्थ्य विभाग चमकी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. चमकी बुखार (AES) और जापानी इंसेफ्लाइटिस (JE) से पीड़ित रोगियों के लिए SKMCH, मुजफ्फरपुर में 72 करोड़ की लागत से बना देश का पहला एक सौ बेड के पीकू (शिशु गहन चिकित्सा यूनिट) और 60 बेड का इंसेफ्लाइटिस वार्ड का शनिवार 6 जून को सीएम नीतीश उद्घाटन करेंगे.
पिछले साल बिहार के कुछ हिस्सों में फैली बीमारी की वजह से अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने सौ बेड का पीकू अस्पताल बनाने का फैसला लिया था. जिसकी नींव 25 सितंबर 2019 में रखी गयी थी. पिछले साल जिस तरह चमकी बुखार ने भयावह रूप लिया था और उसके बाद राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. इस बार सरकार उस परिस्थिति से बचना चाहती है. इसिलए अपने वादे को पूरा करते हुए अस्पताल का उद्घाटन कर रही है.
इस साल अब तक एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में ज्ञात-अज्ञात एईएस के 43 बच्चों का इलाज हुआ है. इसमें सात की मौत हो गयी है. मरने वाले बच्चों में चार मुजफ्फरपुर के हैं, एक वैशाली, एक शिवहर और एक समस्तीपुर का बच्चा शामिल है. कुल ज्ञात-अज्ञात एईएस के मुजफ्फरपुर के तेईस, पूर्वी चंपारण के नौ, वैशाली के दो, सीतामढ़ी के दो, शिवहर के तीन और पश्चिमी चंपारण के दो मरीज अभी तक सामने आये हैं.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कंपोजिट स्टील स्ट्रक्चर के रूप में पूरी तरह वातानुकुलित पीकू अस्पताल को बीएमएसआईसीएल ने रिकार्ड आठ महीने में पूरा किया है. नवनिर्मित अस्पताल में कुल 102 बेड बनाए गए हैं, जिसमें गंभीर मरीजों के लिए 10 ट्राइएज बेड, 90 पीकू बेड और दो आइसोलेशन बेड शामिल हैं. पीकू के सभी बेड पर पाइपलाईन के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है.
मंत्री ने कहा कि नवनिर्मित पीकू अस्पताल में मरीजों का इलाज अत्याधुनिक तरीके से हो इसके लिए 20 वेंटिलेटर, 102 कार्डियक मॉनिटर, 21 रेडिएंट वार्मर, 90 सीरिंज पम्प, 51 नेवोलाईजर, 02 डिफिब्रीलेटर, 102 इन्फ्यूजन पम्प, 21 पोर्टेबल सक्शन, 51 पेडिएट्रिक्स लेरिंजोस्कोप, 08 प्रोसड्यूरोलाईट, 34 अम्बू बैग, 15 ब्रेस्ट पम्प, सीबीसी मशीन और फुल्ली ऑटोबायोकेमेस्ट्री एनालाईजर आदि का इस्तेमाल किया गया है.
साथ ही इंफेक्शन कंट्रोल के लिए इन्वारमेंटल डिकंटेनमेशन सिस्टम और डिजीनफेक्टेंट जेनरेशन सिस्टम भी लगाया गया. इसके अलावा मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के लिए 50 बेड का धर्मशाला, लॉकर के साथ बनाया गया है. पीकू के सभी बेड पर कैमरा लगाया गया है, जिससे कि मरीज के परिजन रोगियों को धर्मशाला से लाइव देख सकेंगे.
मंत्री कहा कि नवनिर्मित पीकू भवन के उपरी फ्लोर पर रिसर्च सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा हीट वेंटिलेशन एयर एंड एयर कंडीशन, सीसीटीवी, मेडिकल गैस पाईपलाइन सिस्टम, नर्स कॉल सिस्टम, मेडिकल एंड नन मेडिकल फर्निचर, जेनरेटर, 1200 के.वी. का ट्रांसफार्मर, ई.पी.बी.एक्स, रैन वाटर हरवेस्टिंग और मेडिकल इक्यूपमेंट से अस्पताल लैश है. पीकू के अन्दर ही दो डेडिकेटेड लिफ्ट भी लगाया गया है.
पांडेय ने कहा कि इसके अलावा 50 से अधिक एम्बुलेंस चमकी बुखार प्रभावित क्षेत्रों में भेजे गए हैं. साथ ही एईएस किट और आवश्यक सामान भी सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजे जा चुके हैं. प्राइवेट एंबुलेंस के भाड़े को भी बढ़ाकर दूरी के हिसाब से 1200 रुपये तक प्रतिपूर्ति का निर्देश दिया गया है.
उन्होंने कहा कि चमकी बुखार और जापानी इंसेफलाइटिस के बचाव के लिए प्रभावित 15 जिले पीएमसीएच, पटना, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर, एएनएमसीएच, गया, डीएमसीएच, दरभंगा, सदर अस्पताल, रजौली, नवादा, सदर अस्पताल, वैशाली, सारण, सिवान, समस्तीपुर, गोपालगंज, औरंगाबाद, नालंदा सदर अस्पताल, सदर अस्पताल, पूर्वी चम्पारण एवं पश्चिमी चम्पारण के नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में पिछले एक साल के अन्दर पीकू अस्पताल को शुरू किया गया है. वहीं जहानाबाद में भी पीकू के स्थापना का काम पूरा हो चुका है.
पांडेय ने कहा कि इस अवसर पर 515 करोड़ की लागत से बनने वाले झंझारपुर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल, मधुबनी के भवन निर्माण काम का शिलान्यास, 27.10 करोड़ की लागत से एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर अस्पताल का जीर्णोद्धार और उन्नयन कार्य का कार्यारंभ और 13.42 करोड़ की लागत से बने मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में 100 बेड वाले मातृ शिशु अस्पताल भवन का उद्घाटन भी किया जाएगा.
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