नई दिल्लीः बिहार के 14 शेल्टर होम में बच्चों के शोषण और यौन दुर्व्यवहार की शिकायतों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने आज कहा कि अगर ढंग से जांच हो तो मुजफ्फरपुर जैसे कई कांड सामने आएंगे. लेकिन बिहार सरकार जांच को लेकर गंभीर नहीं दिख रही.
अब इसको लेकर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह बलात्कार कांड मामले में सुनवाई करते हुए आज माननीय सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को लताड़ते हुए बहुत ही तीखी टिप्पणी की लेकिन बेशर्म सरकार और निर्लज्ज मुख्यमंत्री चुप हैं क्योंकि बलात्कारियों के पोषक और संरक्षक संवेदनहीन व्यक्तियों पर इसका कोई असर नहीं होता.''
एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिहार सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय और लापरवाह है. आप लोग कर क्या रहे हैं? यह शर्मनाक है. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? बच्चियों के साथ लगातार दुष्कर्म हुआ है और आप कहते हैं कुछ भी नहीं हुआ? भला आप ये कैसे कर सकते हैं? यह अमानवीय है.''
आरजेडी नेता यहीं नहीं रुके. एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकार लगाते हुए FIR कॉपी सही करने का आदेश दिया है. सरकार को 24 घंटे का समय दिया है. कोर्ट ने कहा, 'अगर हमें मालूम चला कि रिपोर्ट में धारा 377 या पॉक्सो एक्ट के तहत कोई अपराध है और आपने FIR दर्ज नहीं की, तो हम सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.''
बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस यानी TISS ने बिहार सरकार को 15 आश्रय गृहों में यौन दुर्व्यवहार, मारपीट, शोषण जैसी बातों की जानकारी दी थी. इसमें से मुजफ्फरपुर का मामला सीबीआई को सौंपा जा चुका है. जो 14 मामले बिहार सरकार के पास रह गए, उनमें से 4 में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. जिन 10 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई, उनमें भी अपराध की गंभीरता के हिसाब से धाराएं नहीं लगाई गयीं. इन्हीं बातों पर कोर्ट नाराज है.
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