पटना: बिहार में कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि वे अपनी सीमा में ही रहें. यूपीए में कौन शामिल होगा कौन नहीं, इसका फैसला करने का अधिकार उन्हें नहीं है. बिहार में कदवा से कांग्रेस विधायक और एआईसीसी के सचिव शकील अहमद खान ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए तेजस्वी को उनकी हद दिखाई.


शकील अहमद ने कहा, "मैं ऐसा मानता हूं कि राजनीति में शालीनता और व्यवहारिकता मायने रखती है. यूपीए घटक दल देशभर में फैला है और किस राज्य में कौन आएगा कौन नहीं आएगा इसका कोई अकेला फैसला नहीं कर सकता है. 2019 में मौजूदा सरकार के खिलाफ निर्णायक जंग है ऐसे में देश में वैचारिक लड़ाई है और एक व्यक्ति भी मायने रखता है. समान विचारधारा वालों को साथ लेकर चलना है. इसलिए एंट्री और नो एंट्री का फैसला करने का अधिकार उनको नहीं है.'' गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि राहुल गांधी से उनकी बात हो गई है और नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा.


इसपर शकील अहमद ने कहा, "हमलोगों की भी बात राहुल गांधी से बात होती है. अगर किसी से बात करने की बारी आएगी तो हम लालू प्रसाद जी से बात करेंगे. वे परिपक्व हैं, उन्हें राजनीतिक समझ है. गठबंधन के फायदे और नुकसान को समझते हैं. लालू प्रसाद जी से हमारे नेता सीधे बात करेंगे.''


तेजस्वी यादव के परिपक्वता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सलाहियत और लियाकत समय से आता है. वक्त से पहले किसी भी फैसले को समझने की समझ होनी चाहिए. ज़ाहिर है जो समझ लालू जी की है परिपक्वता है अभी तेजस्वी जी फिगर आउट नहीं करते हैं. राजनीति में उनका परिवार संघर्षशील रहा है. प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर जो स्पेस मिला पर उस स्पेस के बावजूद अपनी तरफ से मैच्योरिटी इंपोर्टेंट रोल प्ले करता है.


शकील अहमद ने कहा, ''बीजेपी के साथ कुशवाहा भी हैं, तो क्या ऐसा हो सकता है कि एनडीए का एक घटक दल मंजूर हो और दूसरा नहीं. देश की राजनीति पर्सनल च्वाइस से नहीं बल्कि वैचारिकता के आधार पर चलती है. कांग्रेस पार्टी उस वैचारिकता को देख रही है. ऐसा नहीं कि एक कि एंट्री बैन और दूसरे के लिए एंट्री हो.'' बता दें कि इससे पहले तेजस्वी यादव ने आरएलएसपी के अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को साथ आने का ऑफर दिया था. लेकिन कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के ऑफर को ठुकरा दिया था.


कांग्रेस नेता ने कहा, ''पार्टी अपने आकार और प्रकार और अपनी वजूद को किसी में मर्ज नहीं करेगी. तेजस्वी यादव का अगला मुख्यमंत्री बनने का फैसला प्रीमैच्योर थिंकिंग है. इसका फैसला अभी कैसे हो सकता है. आने वाले दिनों में कौन किसके साथ लड़ेगा ये आज कैसे तय होगा. असेंबली चुनाव में कौन कैसे लड़ेगा क्या रूप रेखा होगी उस वक्त तय होगा. अभी समय नहीं आया है.''