जब 15 फीसदी आबादी वालों को 10 तो 85 फीसदी वालों को 90 फीसदी आरक्षण दें- तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि जब 15 फीसदी वालों को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात हो रही है तो 85 फीसदी वालों को 90 फीसदी आरक्षण दें.
पटना: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा फैसला किया है. इसे लेकर मोदी सरकार कल लोकसभा में संशोधन बिल भी पेश कर सकती है. इस पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का कोई संविधान में प्रावधान नहीं है. लोकसभा में तय करेंगे कि गरीब सवर्णों पर आए संविधान संशोधन पर क्या करना है. तेजस्वी ने कहा कि जब 15 फीसदी आबादी वालों को 10 फीसदी आरक्षण देने की बात हो रही है तो 85 फीसदी वालों को 90 फीसदी आरक्षण दें.
इन लोगों को किया जाएगा शामिल * इसमें उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम हो. * 5 एकड़ तक ज़मीन हो. * रहने का मकान 1,000 स्क्वायर फीट से कम हो. * रिहायशी प्लॉट अगर शहरी श्रेत्र में आता है तो वह 100 यार्ड से कम हो. * रिहायशी प्लॉट शहरी क्षेत्र के बाहर हो तो यह 200 यार्ड से कम होना चाहिए.
बता दें कि 16 नवंबर, 1992- को सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा साहनी और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य (AIR 1993 SC 477) में अपना फैसला सुनाया. जिसमें माना गया कि अनुच्छेद 16 (4) के तहत कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.
27 अप्रैल, 2008- सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा साहनी (I) (मंडल केस) में दिए गए अपने फैसले को दोहराया कि SC/ST और अन्य पिछड़ा वर्ग या विशेष श्रेणियों के लिए कुल आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए. इंद्रा साहनी मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विशेष रूप से 'आर्थिक मानदंड' असंवैधानिक थे क्योंकि 'गरीब' की श्रेणी में 'सामाजिक पिछड़ेपन' को प्रतिबिंबित नहीं किया गया था.