पटना: आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव अब आरजेडी के नेता हैं और वे अब नीतीश के साथ कभी नहीं जाएंगे. तिवारी ने कहा कि लालू यादव औघड़ हैं, वे नीतीश की वापसी के लिए मनावन करने के बाद शायद मान भी लें. लेकिन नीतीश कुमार की वजह से तेजस्वी यादव को जो झेलना पड़ा है, इसे भूलकर वह दोबारा उनके साथ काम करेगें, इसका मुझे जरा भी यकीन नहीं है. अपनी अतिचतुराई के अहंकार में नीतीश कुमार इस बार बुरी तरह फंस गए.
एक सीमा के बाद नीतीश कुमार को झेल नहीं पाएगी बीजेपी: शिवानंद तिवारी
शिवानंद तिवारी ने कहा, "नीतीश कुमार के सामने बहुत विकल्प नहीं है. भाजपा एक सीमा के बाद उनको झेल नहीं पाएगी. नीतीश जी का मोल अब वह नहीं रह गया है जो 2009 मे था. इस बीच गंगा से पानी बहुत निकल चुका है. नीतीश जी ने अपनी जो नैतिक आभा बनाई थी, वही उनका बल था. वही उनकी पूँजी थी. एक छोटी पार्टी के नेता होने के बावजूद उनकी जो राष्ट्रीय छवि बनी थी उसके पीछे उनकी वही नैतिक आभा थी. सांप्रदायिकता और सामाजिक न्याय नीतीश कुमार की राजनीति की मूलधारा रही है. इसलिए सांप्रदायिकता को मुद्दा बनकर जब वे अपने पुराने गठबंधन से बाहर आए तो तत्काल लोगों ने उन्हें नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया था.''
भ्रष्टाचार कभी नीतीश कुमार के लिए प्राथमिक मुद्दा नहीं रहा: शिवानंद तिवारी
आरजेडी नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार कभी नीतीश कुमार के लिए प्राथमिक मुद्दा नहीं रहा है. पंडित जगन्नाथ मिश्र जी को अपनी पार्टी में आदरणीय स्थान उन्होंने दिया था. लालू जी को चारा घोटाला में सज़ा मिल चुकी है. यह जानते हुए भी उन्होंने उनके साथ गठबंधन बनाया था. महागठबंधन छोड़ कर फिर नरेंद्र मोदी की गोदी में बैठने के बाद नीतीश जी ने अपनी वह नैतिक चमक खो दी है.
जनाधार के मामले में नीतीश कभी ताक़तवर नहीं रहे: शिवानंद तिवारी
शिवानंद तिवारी ने कहा कि जनाधार के मामले में नीतीश जी कभी ताक़तवर नहीं रहे. जोड़-घटाव के ज़रिए जो आधार उन्होंने बनाया था वह उनकी राजनीति के झटकेबाज़ी को झेल नहीं पाया और बिखर गया. यह हाल के उपचुनावों के नतीजे से ज़ाहिर हो चुका है. इसलिए नीतीश जी कहीं भी मानोनूकुल सौदा कर पाएंगे, इसकी गुंजाइश तो नहीं दिखाई दे रही है.