प्रदूषण: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, 15 साल पुराने सरकारी और कमर्शियल वाहनों पर बैन लगाया
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में कल हुई सुनवाई में अदालत ने सरकारों को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि वो इमरजेंसी भी इस इमरजेंसी से बेहतर थी.
पटना: देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण की मार झेल रही है, इसके साथ ही उत्तर भारत के कई दूसरे राज्य भी प्रदूषण की चपेट में हैं. सरकारें प्रदूषण से निपटने के लिए कई तरह के कदम उठा रही हैं. बिहार की राजधानी पटना की हवा भी खराब हो रही है. इसी के मद्देनजर बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत पूरे राज्य में 15 साल पुराने सरकारी व व्यावसायिक वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
प्राइवेट गाड़ियों को सरकार की ओर से थोड़ी राहत जरूर दी गई है लेकिन सभी निजी गाड़ियों को जल्द से जल्द प्रदूषण जांच करवानी होगी. इसके साथ ही सरकार ने प्रदूषण को लेकर कई अन्य कदम भी उठाए हैं, ये सभी कदम सात नवंबर से प्रभावित होंगे. यह सभी फैसले नीतीश कुमार की ओर से प्रदूषण को लेकर बुलाई गई आपात बैठक में लिए गए.
बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा, ''राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 15 साल से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों पर राज्य भर में प्रतिबंध लगाया जाएगा. 15-वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों को पटना और आस-पास के क्षेत्रों में प्रतिबंधित किया जाएगा. इसे लेकर अधिसूचना कल जारी की जाएगी.'' उन्होंने बताया कि पटना में प्रदूषण की ये भी बड़ी वजह कैरोसीन मिश्रित डीजल भी हैं. इसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य सचिव कुमार ने बताया, 'परिवहन विभाग मंगलवार से एक विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान के तहत शिविर लगाए जाएंगे, जहां 15-वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहन प्रदूषण जांच कर सकते हैं. इसके बाद ही उन्हें अनुमति दी जाएगी.'' बिहार के शहरों सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में दिवाली के बाद प्रदूषण की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.