पटना: इस बार के लोकसभा चुनाव में लालू यादव की पार्टी आरजेडी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. पार्टी उससे उबरने की कोशिश में है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है. हार के बाद तेजस्वी यादव खुद पार्टी को फिर से पटरी पर लाने की पूरी कोशिश में लगे हैं. राज्य में आरजेडी का मुकाबला जेडीयू-बीजेपी गठबंधन से है जो फिलहाल सत्ता पर काबिज है.


वहीं नीतीश कुमार को लेकर आरजेडी में दो तरह की राय है. तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को अकेले लड़ने की चुनौती दे रहे हैं तो पार्टी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह नीतीश कुमार को साथ लाने की बात कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''माननीय नीतीश कुमार जी की अपनी कोई ताक़त नहीं. आजतक ना कभी अकेले चुनाव लड़ा और ना 15 वर्ष CM रहने के बावजूद भी अकेले लड़ने की क्षमता. बिहार के प्रत्येक दल के साथ समय-समय पर उन्होंने गठबंधन किया है और सभी के साथ हमेशा उन्होंने ही गठबंधन तोड़ विश्वासघात किया है और ऐसा करते रहेंगे.''





उधर रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होते हैं तो जरूर बात होगी. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, ''गैर भाजपा एकजुट होगा तभी हम भाजपा को पछाड़ सकते हैं. जहां तक जदयू की बात है तो इसपर जदयू ही बता सकती है. हमारी चाहत है कि गैर भाजपा जो भी दल है वो साथ आएं. अभी नीतीश जी भाजपा के पिछलग्गू बने हुए हैं अगर वो वहां से अलग होकर आते हैं तो हम इसपर विचार करेंगे. पहले उनको बीजेपी से अलग होना होगा तभी कुछ विचार किया जा सकता है.''


यह पहली दफा नहीं है जब रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश को महागठबंधन में आने का ऑफर दिया हो. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने ऐसा कहा था. हालांकि आरजेडी पहले ही ये एलान कर चुकी है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ही पार्टी का चेहरा होंगे. लेकिन बीच-बीच में नीतीश कुमार को लेकर आरजेडी नेताओं का बयान भविष्य को लेकर कई तरह के संकेत देते हैं.


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