पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपनी पार्टी बीजेपी से नाराज हैं, क्योंकि पाटी का राष्ट्रीय नेतृत्व कथित रूप से बिहार के नवादा संसदीय सीट को एनडीए की घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी को देने पर सहमत हो गया है. इस सीट का प्रतिनिधित्व गिरिराज सिंह करते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए की तरफ से अंतिम रूप दिए गए सीट बंटवारे फार्मूले के अंतर्गत नवादा की सीट एलजेपी को दे दी गई है.


औपचारिक सीट बंटवारे और एनडीए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हालांकि अभी नहीं की गई है. एलजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नवादा से चुनाव लड़ेगी और पार्टी ने अपने मुंगेर सीट को छोड़ दिया है. एलजेपी नेता ने कहा, "इसका फैसला बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एलजेपी प्रमुख राम विलास पासवान के बीच बैठक में लिया गया कि एलजेपी को गठबंधन के साथी जेडीयू के लिए मुंगेर की सीट छोड़ने के बदले नवादा सीट दी जाएगी. "


गिरिराज सिंह को कथित रूप से बेगूसराय सीट की पेशकश की गई है, जहां से जेएनयू छात्र संघ के पूर्व नेता कन्हैया कुमार सीपीआई पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हें, जिसका समर्थन महागठबंधन कर सकता है. गिरिराज सिंह के करीबी बीजेपी नेता ने कहा, "गिरिराज सिंह इसके लिए तैयार नहीं है और इस पेशकश को ठुकरा दिया है. वह नवादा से चुनाव लड़ने के लिए अड़ गए हैं."


गिरिराज सिंह ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह आगामी लोकसभा में या तो नवादा से चुनाव लड़ेंगे या फिर चुनाव नहीं लड़ेंगे. एक बीजेपी नेता ने कहा, "अबतक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. सभी कुछ अभी प्रक्रिया में है, कुछ भी संभव हो सकता है."


अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले गिरिराज सिंह बीते रविवार से मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं. वह खराब स्वास्थ्य की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्प रैली में शामिल नहीं हो सके थे. उनके करीबी बीजेपी नेता ने कहा कि वह वायरल बुखार से पीड़ित थे.


केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि जो पटना में 3 मार्च को एनडीए की रैली में शामिल नहीं होगा इसका मतलब होगा की वह पाकिस्तान का समर्थन करता है. इस बयान के बाद वह खुद ही इस रैली में शामिल नहीं हो सके थे, जिसके बाद विपक्षी आरजेडी, कांग्रेस और आरएलएसपी ने उनपपर कटाक्ष किया था.


सर्वण जाति भूमिहार से ताल्लुक रखने वाले गिरिराज सिंह के लिए बिहार की जाति आधारित राजनीति पृष्ठभूमि से अलग नवादा की सीट उनके लिए सुरक्षित है. यहां भूमिहारों की अच्छी खासी संख्या है. एनडीए के सूत्रों ने कहा कि अपराधी से राजनेता बने सुरजभान सिंह की पत्नी और एलजेपी नेता वीणा देवी मुंगेर से अपना सीट छोड़ेगी और नवादा से चुनाव लड़ेगी. वह भी भूमिहार है.


मजे की बात है कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बीजेपी को उनकी पार्टी को मुंगेर सीट देने के लिए मना लिया, जहां से उनके करीबी दोस्त और पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह चुनाव लड़ना चाहते हैं. सीट बंटवारे के तहत, बीजेपी और जेडीयू दोनों 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और बाकी की छह सीटें एलेजपी के रामविलास पासवान को दी जाएगी.


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