पटना: बिहार की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए से नाता तोड़ना तय हो गया है. इसको लेकर वे 6 दिसंबर को एलान कर सकते हैं. 6 दिसंबर को मोतिहारी में पार्टी ने खुला अधिवेशन रखा है. बता दें कि कुशवाहा ने पीएम नरेंद्र मोदी से 27 नवंबर से 30 नवंबर के बीच मिलने का समय मांगा था. अभी तक पीएम से मुलाकात नहीं हो पाई है. इससे पहले कुशवाहा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से भी मिलने के लिए वक्त मांगा था लेकिन उनसे भी मुलाकात नहीं हो पाई.
गौरतलब है कि सीट बंटवारे को लेकर कुशवाहा नाराज चल रहे हैं. ये नाराजगी साफ तौर पर तब सामने आ गई जब ये एलान हुआ कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके बाद से ही सियासी गलियारे में ये कयास लगाए जानें लगे कि कुशवाहा के खाते में आने वाली सीटों की संख्या कम हो सकती है. कुशवाहा की मांग है कि साल 2014 के मुकाबले उन्हें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए. कुशवाहा ने हाल ही में कहा, ''आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहता हूं, लेकिन अपमान सहकर नही."
कहा ये जा रहा है कि जेडीयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. बाकी बचती है छह सीटें. अगर कुशवाहा एनडीए से बाहर होते हैं तो ये देखना होगा कि एलजेपी को पांच सीटें दी जाएंगी या बची छह सीटें उसके खाते में जाती हैं. अभी तक सीटों की संख्या का एलान नहीं हुआ है.
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