पटना: दिल्ली में नीतीश कुमार और अमित शाह की मुलाकात के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीट बंटवारे पर कोई बात होगी तो मीडिया को इसकी जानकारी दी जाएगी. सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी की बात सिर्फ जेडीयू से हो रही है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसको लेकर बारी-बारी से बात होगी. कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है, इस पर भी उन्होंने कहा कि जब बात होगी तब वे बताएंगे.


बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के महागठबंधन में शामिल करने के प्रस्ताव पर कुशवाहा ने कहा कि उनकी बात का कोई अर्थ नहीं है. वहीं अलग खेमा बनाने की बात को खारिज करते हुए कुशवाहा ने कहा कि ये सब बातें हवा में हैं, मैं इसका जवाब नहीं देता.


मीडिया ने जब उनसे यह सवाल पूछा कि आपकी पार्टी के लोग आपको मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, इस सवाल का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसमें एतराज क्या है. हर पार्टी के लोग चाहते हैं कि उनका नेता मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री हो. लेकिन जहां गठबंधन की बात होती है वहां गठबंधन ही चीजों को तय करता है और उसमें शामिल दलों के लोग उस बात को मानते हैं. लेकिन जहां तक पार्टी का सवाल है, उनके लोग चाहते हैं कि उनका नेता प्रधानमंत्री बने, उनके नेता मुख्यमंत्री बने, इसमें क्या दिक्कत है!


इस दौरान बातचीत में आरएलएसपी अध्यक्ष ने एक बार फिर कोलेजीयम सिस्टम पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोलेजीयम सिस्टम की वजह से न्यायपालिका में लोकतंत्र नहीं है. वहां समाज के सभी पार्ट का रिप्रेजेंटेशन नहीं है. वहां दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों की संख्या नहीं है.


कुशवाहा ने कहा कि मेरिट वाले गरीब ब्राह्मण परिवार का लड़का भी चाहे तो वह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का जज बने तो उसके लिए रास्ता बंद है. कोलेजियम सिस्टम की वजह से देश के 300-400 परिवार के लोग जज बन रहे हैं. न्याय मिलना और न्याय होते हुए दिखना दोनों जरूरी होता है. हम न्याय कर भी रहे हो और सामने वालों को लगेगा कि न्याय नहीं अन्याय कर रहे हैं तो यह भी गलत हो जाएगा. आज की तारीख में अगर न्याय होगा भी तो बहुत लोगों को भरोसा नहीं होगा कि न्याय हो रहा है.