पटना: राजनीति में कोई किसी पार्टी को छोड़कर यूं ही नहीं जाता. लालू यादव की पार्टी आरजेडी के पांच विधान परिषद के सदस्य जेडीयू में शामिल तो हो गए, लेकिन किसके लिए क्या तय हुआ, यह जानना बेहद दिलचस्प है.


चार दिन पहले ही आरजेडी के आठ में से पांच विधान परिषद के सदस्यों ने लालू को छोड़ नीतीश का दामन थाम लिया था. सभी एमएलसी ने लालू से मोह भंग होने की बात कही थी और नीतीश के विकास मॉडल की तारीफ की थी. एबीपी न्यूज़ को विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि इन पांच विधान परिषद को बदले में क्या मिल रहा है.


मिली जानकारी के मुताबिक आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रह चुके एमएलसी कमर आलम औऱ दिलीप राय ने अपने लिए एक औऱ टर्म का एमएलसी सीट पक्का करा ली है, जबकि रणविजय सिंह ने अपनी पत्नी को बड़हारा विधान सभा सीट से 2020 में चुनाव लड़ाने की शर्त रखी थी. राधा चरण शाह (जिसे राधा चरण सेठ के नाम से भी जाना जाता है) ने आरजेडी के उपाध्यक्ष रहे, बिजेंद्र यादव के लिए संदेश विधान सभा सीट की मांग की थी. बताया जाता है कि बिजेंद्र यादव और राधाचरण सेठ आपस में मित्र भी हैं और बिजनेस पार्टनर हैं. आज ही बिजेंद्र यादव ने आरजेडी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.


संजय प्रसाद जमुई विधान सभा सीट से खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं. चुनाव में कई और विधायक औऱ नेताओं के इधर उधर जाने की खबरें राजनीतिक गलियारों में चल रही हैं.


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