नई दिल्ली: बिहार से भी एनडीए के लिए अच्छी खबर नहीं आई है. यहां रामविलास पासवान की पार्टी ने अब नखरे दिखाने शुरू कर दिए हैं. 2014 में जिन चिराग पासवान ने एनडीए से गठबंधन कराया था उन्हीं चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर सवाल उठाये हैं. बिहार के एलजेपी अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने तो इसी महीने की 31 तारीख तक का अल्टीमेटम भी दे दिया है. सवाल ये है कि क्या पासवान भी नायडू और कुशवाहा की राह पर चल पड़ेगे.
2014 में सरकार बनने के बाद 11 सहयोगियों ने नरेंद्र मोदी का साथ छोड़ दिया है. बिहार में उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी एनडीए छोड़ चुके हैं. इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू और महबूबा मुफ्ती अलग हो चुके हैं तो वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना ने भी अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. लेकिन ताजा मामला 'मौसम वैज्ञानिक' के तौर पर मशहूर रामविलास पासवान को लेकर है जो बीच में झूल रहे हैं.
मोदी की झोली से सबसे पहले महाराष्ट्र में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राजू शेट्टी निकले और राहुल गांधी की झोली में आ गए. फिर स्पेशल स्टेट्स की मांग को लेकर आध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू अलग हो गए. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ-साथ सरकार चलाने वाली महबूबा मुफ्ती ने भी एनडीए का साथ छोड़ दिया.
राम विलास पासवान के भाई और बिहार में मंत्री पशुपति पारस ने सीट बंटवारे के लिए बीजेपी को 31 दिसंबर तक का वक्त दिया है. पासवान की पार्टी जिस लाइन पर है उसकी लेंथ कल चिराग के ट्वीट के बाद ही क्लीयर हो गई थी. चिराग ने कहा था कि टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए से जाने के बाद गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है. बीजेपी समय रहते साथियों की चिंताएं दूर करे. सीटों पर बीजेपी नेताओं से मुलाकात हुई लेकिन ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई. समय रहते बात नहीं बनी तो नुकसान हो सकता है.
जिस नाजुक दौर का जिक्र चिराग पासवान कर रहे हैं उसका समर्थन रामविलास पासवान भी कर रहे हैं. एलजेपी के सख्त रुख के बाद नीतीश कुमार की पार्टी सकते में है हालांकि ये जरूर कह रही है कि पासवान साथ हैं.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 40 में से 30 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. वहीं सात सीटों पर पासवान की पार्टी लड़ी थी. पासवान की पार्टी ने तब 7 में से 6 सीटें जीत ली थी. एलजेपी सिर्फ नालंदा की सीट हारी थी जहां से जेडीयू जीती थी. अब जेडीयू और बीजेपी में बराबर सीटों के बंटबारे की बात तय हो चुकी है. एलजेपी ने सात सीटों से पीछे न हटने का अल्टीमेटम देकर एनडीए के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. मौका देखते ही लालू की पार्टी ने साथ आने का न्योता भी दे दिया है
एनडीए में पासवान नाम की ये परेशानी ऐसे वक्त में सामने आई है जब गुरुवार को दिल्ली में राहुल गांधी बिहार के महागठबंधन नेताओं से मिलकर चुनाव की रणनीति बनाने वाले हैं. पासवान खिसके तो फिर एनडीए के लिए चुनौती बढ़ जाएगी.