बीजापुर: सुमित्रा 10 साल से नक्सलियों के सबसे ख़तरनाक बटालियन कंपनी नंबर-1 के साथ काम रही थीं. सर्दी -खांसी की शिकायत हुई तो नक्सलियों के बीच हड़कंप मच गया. कोरोना के डर से नक्सलियों ने सुमित्रा को अपने बीच से भगा दिया गया. अब सुमित्रा को बीजापुर में क्वॉरन्टीन कर दिया गया है. कोरोना के डर से माओवादी बटालियन कमाण्डर हिड़मा ने महिला नक्सली सुमित्रा को संगठन से भगा दिया.


छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के मोदकपाल थाना के पेद्दाकवाली के जंगल में संदिग्ध हालात में एक महिला के देखे जाने की सूचना पुलिस को मिली. सूचना मिलने के बाद होने के बाद बीजापुर के एसपी कमललोचन कश्यप ने डीआरजी के जवानों को जंगल के लिए रवाना किया. सर्चिंग के दौरान पेद्दाकवाली के जंगल में संदिग्ध परिस्थिति में महिला मिली. उस महिला से पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम सुमित्रा चेपा बताया. सुमित्रा ने पुलिस को बताया की साल 2010 से वो माओवादी संगठन में भर्ती होकर अलग-अलग पदों पर काम करते हुए वर्तमान में बटालियन के कंपनी नंबर 01 के प्लाटून नंबर 03 की सक्रिय सदस्या के रूप में काम कर रही थी.


सुमित्रा ने पुलिस को क्या बताया?


संगठन में काम करते हुये सुमित्रा को सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत हुई. बटालियन के माओवादी इसे कोरोना होने की शंका में और संक्रमण के डर से सुमित्रा की बटालियन से छुट्टी कर दी गई. लगातार 10 साल से माओवादी संगठन में रहकर काम करने के बाद अचानक संगठन से छुट्टी किए जाने पर महिला सुमित्रा चेपा अपने परिजनों के पास आने के उद्देश्य से पेद्दाकवाली जंगल में आकर रुकी हुई थीं.


सुमित्रा चेपा ने बताया की संगठन में अन्य कई माओवादी सदस्यों को सर्दी, खांसी, बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत है. इससे बटालियन के माओवादी कोरोना संक्रमण के भय से घबरा गये हैं और कोरोना बीमारी को लेकर बटालियन में हड़कंप मचा हुआ है. यही वजह है कि बटालियन में माओवादियों को सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण दिखने पर उनका संगठन से छुट्टी कर दिया जा रहा है.


पूरी कहानी सुनने के बाद पुलिस ने सुमित्रा को हिरासत में ले लिया और अस्पताल में कोरोना संक्रमण संबंधित समस्त स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के बाद सुमित्रा को क्वॉरन्टीन में रखा गया है. क्वॉरन्टीन अवधि पूरी करने के बाद सुमित्रा से पुलिस विस्तार से पूछताछ करेगी. इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.


एसपी कमललोचन कश्यप ने लोगों से अपील की है कि सुमित्रा चेपा जैसे कोरोना के भय से माओवादी संगठन छोड़कर वापस गांव आने वाले माओवादी कैडरों के बारे में संबंधित थाना/चौकी/कैम्पों में सूचना देने का कष्ट करें ताकि उन सबका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा सके.


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