यूपी: यूपी में निकाय चुनाव के पहले दौर के लिए नामांकन का आज आख़िरी दिन है. उस से पहले ही बीजेपी ने मेयर के लिए 8 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. पार्टी ने फिर से पुराने कार्यकर्ताओं या उनके रिश्तेदारों पर दॉंव खेला है.


सबसे पहले बात यूपी की राजधानी लखनऊ की. जहाँ से एक डिप्टी सीएम समेत 6 लोग मंत्री योगी सरकार में मंत्री हैं. केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह यहाँ के सांसद हैं. सबसे बातचीत के बाद बीजेपी ने संयुक्त भाटिया का नाम तय किया है. उनके पति सतीश भाटिया लखनऊ कैंट से 1991 और 93 में विधायक रह चुके हैं. वैसे तो पार्टी में लखनऊ के मेयर के लिए कई नाम पर विचार हुआ, लेकिन आख़िर में संयुक्ता भाटिया को आरएसएस के करीबी होने का फायदा मिला. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा इस से पहले यहाँ के मेयर थे.

पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से मेयर का चुनाव मृदुला जायसवाल लड़ेंगी. वे यहाँ से तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके शंकर प्रसाद जायसवाल की बहू हैं. 39 साल की मृदुला के लिए ये पहला चुनाव है। वे पिछड़ी जाति की हैं. वाराणसी में उनकी बिरादरी की अच्छी खासी आबादी है। यहाँ से मेयर का पिछला चुनाव भी बीजेपी ही जीती थी.

झाँसी से बीजेपी ने मेयर का टिकट रामतीर्थ सिंघल तो दिया है. वे बीड़ी के कारोबारी हैं. सिंघल दो दो बार झाँसी से बीजेपी के महामंत्री रह चुके हैं. वे उद्योग व्यापार मंडल के भी नेता हैं. झाँसी के एक बीजेपी विधायक ने अपनी पत्नी के लिए आसमान सर पर उठा लिया था, लेकिन लॉटरी निकली सिंघल की. मथुरा-वृंदावन नगर निगम से बीजेपी के लिए मेयर का चुनाव मुकेश आर्य लड़ेंगे. वे वाल्मीकि समाज से आते हैं. आर्य मथुरा जिले में पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं. वे पहले सभासद रह चुके है. योगी राज में नगर निगम बनने के बाद यहॉ पहली बार चुनाव होंगे.

पार्टी  ने सहारनपुर से संजीव वालिया को मेयर का टिकट दिया है. वे और उनकी पत्नी पहले सभासद रह चुकी हैं. संजीव पिछड़ी जाति के हैं और बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता भी हैं. वे अपने जिले में पार्टी के महामंत्री और उपाध्यक्ष रह चुके हैं. अलीगढ़ से राजीव अग्रवाल बीजेपी की टिकट पर चुनाव लडेंगें. वे संघ के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. इंटर कॉलेज में टीचर राजीव को संघ के आशीर्वाद से टिकट मिला. मुरादाबाद से बीजेपी ने विनोद अग्रवाल को टिकट दिया है. वे पहले भी मेयर रह चुके हैं.

गाज़ियाबाद से आशा शर्मा बीजेपी की टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ेंगी. इनके भाई चार बार पार्षद रह चुके हैं. आशा भी पिछले 20 सालों से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं। इस से पहले पार्टी ने कानपुर, अयोध्या, आगरा, मेरठ और गोरखपुर के लिए मेयर उम्मीदवारों का एलान कर चुकी है. अब फ़िरोज़ाबाद और इलाहाबाद पर फ़ैसला होना बाक़ी है. यूपी में 16 नगर निगम हैं. जहॉं मेयर चुनने के लिए 22, 26 और 29 नवंबर को मतदान होगा. पहली दिसंबर को वोटों की गिनती होगी.