लखनऊ: अपराध पर लगाम लगाने के यूपी सरकार के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. ताजा मामला लखनऊ का है जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता की अज्ञात हमलावरों ने चाकू गोदकर हत्या कर दी. बीजेपी नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी (34) पर सोमवार को बादशाहनगर में हमला किया गया.


हत्या करने के बाद आरोपी बीजेपी नेता को बीच सड़क पर फेंक कर भाग निकले. जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली पुलिस ने तुरंत बीजेपी नेता प्रत्यूष त्रिपाठी को ट्रामा सेंटर पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.


पुलिस के मुताबिक, उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. आधी रात के तुरंत बाद अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया, पुलिस के विरोध में नारेबाजी की और लखनऊ पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक कलानिधि नैथानी की तुरंत बर्खास्तगी की मांग की.


उग्र भीड़ ने आरोप लगाया कि त्रिपाठी ने जिला पुलिस प्रमुख को बताया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी लेकिन उनके आग्रह पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.


कहा जा रहा है कि पुरानी रंजिश के चलते बीजेपी नेता प्रत्यूषमणि त्रिपाठी की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई. घायल अवस्था में सड़क पर पड़े बीजेपी नेता को पुलिस ने तुरंत ट्रामा सेंटर पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ता संजय शुक्ला ने राज्य सरकार से मृतक प्रत्यूष मणि त्रिपाठी को मुआवजा और परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की.