पटना: कोलकाता में 20 से ज्यादा विपक्षी दलों के एक मंच पर आने के बाद से बीजेपी नॉन स्टॉप हमले कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद अब केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता आरके सिंह ने 'महागठबंधन' पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सब चोर और घूसखोर भरे पड़े हैं. आरा से सांसद आरके सिंह ने रैली का नेतृत्व करने वाली ममता बनर्जी को लेकर कहा कि वह सरकारी पैसों पर गुंडे पालती हैं.
ऊर्जा मंत्री ने कहा, ''महागठबंधन चोरों और घूसखोरों का गठबंधन है. एसपी हो या बीएसपी किसी के भी सरकार में उत्तर प्रदेश में क्या स्थिति थी क्या किसी से छुपा है? ये लोग आज नेता बन रहें हैं. पश्चिम बंगाल में जाकर देखिए कि वहां गुंडागर्दी चरम पर है. आज ऐसे हालत कहीं भी दूसरे प्रांत में नहीं है.''
उन्होंने आगे कहा, ''ममता बनर्जी गुंडों को पालती है. क्लब के नाम पर बंगाल की मुख्यमंत्री सरकार के पैसों को गुंडों को देती हैं. वहां क्लब वाले सरकारी ठेकों से पैसे कमाते हैं. आप देखते होंगें कि वहां निर्माणाधीन पुल भी गिर जाता है. महागठबंधन में कोई नेता नहीं है. आप खुद सोच लीजिये कि महागठबंधन में कैसे-कैसे लोग हैं.'' मंत्री आरा-मोहनिया राष्ट्रीय मार्ग पुनः निर्माण कार्य और आरा-सासाराम रोड के फोरलेन के सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ करने पहुंचे.
19 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की एक महारैली का आयोजन किया था. इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर प्रमुख एच डी देवेगौड़ा, तीन वर्तमान मुख्यमंत्री - चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी), एचडी कुमारस्वामी (जनता दल सेक्यूलर) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), छह पूर्व मुख्यमंत्री - अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला (दोनों नेशनल कांफ्रेंस), बाबूलाल मरांडी (झारखंड विकास मोर्चा), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और इसी हफ्ते भाजपा छोड़ चुके गेगांग अपांग, आठ पूर्व केंद्रीय मंत्री- मल्लिकार्जन खड़गे (कांग्रेस), शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल), अजित सिंह (राष्ट्रीय लोक दल), शरद पवार (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और राम जेठमलानी ने हिस्सा लिया.
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इनके अलावा, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्रा, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और जानेमाने दलित नेता और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी मंच पर नजर आए. सभी ने एक स्वर में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए अपनी-अपनी बात रखी.