झांसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तमाम मंत्रियों और विधायकों समेत अंबेडकर ग्रामों में रातें गुजार रहे हैं. वह दलितों के घर भोजन कर रहे हैं और चौपाल पर लोगों की परेशानियां सुन रहे हैं. साफ है कि कवायद 2019 के लिए है. ऐसे में एक मंत्री का बयान सामने आया है जिन्होंने इसकी तुलना राम-शबरी से कर डाली. उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप ने कहा- जैसे भगवान राम ने बेर खाकर शबरी को धन्य किया था वैसे ही बीजेपी के नेता दलितों के घर जाकर उन्हें धन्य करते हैं.
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झांसी के प्रभारी मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह की जुबान फिसल गई और वह दलित के घर भोजन करने को भगवान राम और शबरी की परंपरा बता बैठे. उन्होंने जिस दलित परिवार में भोजन किया उसे शबरी की संज्ञा दे डाली. इसके लिए वह पीएम नरेंद्र मोदी का हवाला भी दे रहे थे. मंगलवार की रात राजेंद्र प्रताप सिंह का बड़ागांव ब्लॉक के ग्राम गढ़मऊ में चौपाल और गरीब परिवार में भोजन का कार्यक्रम था.
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यूपी के आरईएस मंत्री ने भगवान राम के वनगमन का हवाला देते हुए बताया कि भगवान ने शबरी के झूठे बेर खाकर उसे धन्य किया था. पीएम मोदी को बदनाम किया जा रहा है जिन्होंने मंत्री विधायक और सांसद को दलित शोषित के घर भोजन करने के लिए भेजा. राहुल गांधी का ऐसे लोगों के घर का पानी पीने के बाद पेट खराब हो जाता, लालू जी को शर्म आती है, अखिलेश को दलित के खाट पर बैठने से खुजली होती थी.
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उन्होंने कहा कि परंपरा रही है राम और शबरी की. आज मैं जब यहां आया तो ज्ञान जी की मां ने जब मुझे रोटी परोसी, उन्होंने कहा कि मेरा उद्धार हो गया. मायावती ने कभी किसी दलित के घर भोजन नहीं किया. मुलायम सिंह ने कभी तकलीफ नहीं किया. पीएम मोदी के मन में यह बात आई कि छोटे से छोटा व बड़ा नेता चौपाल लगाए और उनके साथ और जोड़ने का काम करे. आज एक गरीब की मां ने जिन शब्दों का प्रयोग किया है उससे मैं धन्य हो गया. मैं क्षत्रिय पुत्र हूं, मेरे रक्त में समाज और धर्म की रक्षा करने का दायित्व है.