लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी पार्टी के एक खाते में 104 करोड़ रुपये जामा होने के बारे में जो पता लगाया है, वह पूरे हिसाब-किताब के साथ नियमत: कराया गया था. लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी, बीएसपी की छवि खराब करने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है.



बीएसपी प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मांग की कि गत 8 नवम्बर को 500 और 1000 रुपये मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने से पहले 10 महीने के दौरान बीजेपी द्वारा जमा कराई गई रकम को वह सार्वजनिक करें.


...कि दलित की बेटी के पास आए यूपी की सत्ता


मायावती ने कहा कि पूरे देश में पार्टी के कार्यकर्ताओं के माध्यम से जो पैसे आए थे उसे बैंक में जमा कराया गया. उक्त राशि अगस्त, सितम्बर और नवम्बर महीने तक एकत्र हुई थी. बीएसपी प्रमुख ने कहा कि दलित विरोधी लोग यह नहीं चाहते हैं कि दलित की बेटी के पास यूपी की सत्ता आए. एक दलित की बेटी जब आगे बढ़ती है तो उन्हें अच्छा नहीं लगता है.


उल्लेखनीय है कि सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली स्थित यूनियन बैंक की करोल बाग शाखा में छापेमारी की. छानबीन के दौरान बीएसपी से संबंधित एक खाते में 104 करोड़ रुपये और पार्टी प्रमुख मायावाती के भाई आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रुपये की राशि जमा कराए जाने का पता चला.


बीएसपी और मेरे परिवार पर आरोप बीजेपी की घिनौनी साजिश: मायावती


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने देश में नोटबंदी के बाद अपने भाई और बीएसपी के खाते में 100 करोड़ से ज्यादा रुपये जमा किये जाने सम्बन्धी खबरों को उनकी छवि खराब करने की केन्द्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की साजिश करार देते हुए आज दावा किया कि नोटबंदी के कारण बौखलाये भगवा दल की इस घिनौनी हरकत से बीएसपी को ही राजनीतिक फायदा होगा.


मायावती ने कहा कि चुनावी वादाखिलाफी और नोटबंदी के कारण हो रही हार से दुखी केन्द्र की बीजेपी नीत नरेन्द्र मोदी सरकार के लोग प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर बीएसपी और उसके सर्वोच्च नेतृत्व की छवि खराब करने की कोशिश में लगे हैं.



सदस्यता शुल्क को एक ‘नियमित प्रक्रिया’ के तहत कराया बैंक में जमा


उन्होंने कहा कि कल कुछ चैनलों और अखबारों के जरिये बीएसपी द्वारा बैंक में जमा करायी गयी धनराशि के बारे में जो खबर आई है, उस बारे में उनका कहना है कि बीएसपी ने अपने नियमों के मुताबिक ही एकत्र सदस्यता शुल्क को एक ‘नियमित प्रक्रिया’ के तहत हमेशा की तरह बैंक में जमा कराया है.


बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि बड़े मुद्रा नोटों में सदस्यता शुल्क को रखने से धन लाने-ले जाने में आसानी होती है. वह खुद इस धनराशि का हिसाब-किताब करती हैं. चूंकि वह अगस्त, सितम्बर और आधे नवम्बर तक उत्तर प्रदेश में ही रहीं. इसी बीच, आठ नवम्बर को नोटबंदी का ऐलान हो गया. उसके बाद उन्होंने दिल्ली जाकर पूरे देश से आयी सदस्यता शुल्क का हिसाब देखा और फिर उस धनराशि को बैंक में जमा कराया. इसमें कुछ गलत नहीं किया गया.


पार्टी और परिवार के लोगों के बारे में घिनौनी हरकत


मायावती ने दावा किया कि सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने एसपी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर बीजेपी के षड्यंत्र का जो पर्दाफाश किया, उससे बीजेपी के लोग बुरी तरह बौखला गये हैं, इसी कारण उन्होंने कल ही हमारी पार्टी और परिवार के लोगों के बारे में घिनौनी हरकत की है. इससे बीएसपी को और भी राजनीतिक फायदा होगा. ये लोग घर बैठे हमारी सरकार बनाने वाले हैं. इसके लिये मैं उनका आभार प्रकट करती हूं.


प्रवर्तन निदेशालय ने बीएसपी से संबंधित एक खाते में 104 करोड़ रूपये और पार्टी प्रमुख मायावाती के भाई आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रूपये की भारी-भरकम राशि जमा कराए जाने का पता लगाया है. जांच और सर्वेक्षण अभियान के तहत कल यूनियन बैंक की दिल्ली स्थित करोल बाग शाखा में छानबीन के दौरान पाया गया कि नोटबंदी के बाद इन दो खातों में बड़े पैमाने पर रकम जमा कराई गई.



मायावती ने कहा कि उनके छोटे भाई आनन्द कुमार से मिली जानकारी के मुताबिक उनका कहना है कि उन्होंने भी आयकर के नियमों के अनुरूप ही बैंक में धनराशि जमा करायी है. इसे बवंडर बनाया जा रहा है. इस सबको बीजेपी के लोग कुछ अखबारों और चैनलों से ऐसे प्रदर्शित करा रहे हैं जैसे यह काला धन हो. उन्होंने दावा किया कि उन्हें खास सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि बीजेपी बीएसपी के प्रभावशाली लोगों को शिथिल करने के लिये सरकारी मशीनरी का दुरपयोग कर उन्हें परेशान कर सकती है. कुछ को परेशान किया भी जा रहा है.


BSP और आनन्द कुमार के खातों में धन जमा होने की बात


पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस अवधि में बीएसपी और आनन्द कुमार के खातों में धन जमा होने की बात कही जा रही है, उसी दौरान बीजेपी सहित अन्य पार्टियों ने भी अपना धन बैंकों में जमा कराया है, लेकिन उनकी चर्चा नहीं होती है और ना ही मीडिया में खबरें आती हैं.


उन्होंने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी यह बताएं कि अगर उनमें थोड़ी सी भी सचाई और ईमानदारी है तो वे अपनी पार्टी के आठ नवम्बर से पहले के 10 महीनों के दौरान और नोटबंदी के बाद खाते में जमा कराये गये धन तथा खरीदी गयी सम्पत्ति के बारे में खुलासा करें.


मायावती ने कहा कि दलित विरोधी मानसिकता रखने वाली बीजेपी और जातिवादी मानसिकता वाले अन्य लोग यह कतई नहीं चाहते हैं कि एक दलित वर्ग की बेटी के हाथों में देश और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी आये.



BSP को नुकसान पहुंचाने के लिये साजिश


मायावती ने ताज कॉरिडोर प्रकरण पर भी खुलकर बोलते हुए कहा कि लोकसभा और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान बीएसपी को नुकसान पहुंचाने के लिये साजिश के तहत अक्सर ताज कॉरिडोर प्रकरण का इस तरह जिक्र किया जाता है जैसे बीएसपी मुखिया ने उसमें कोई बड़ा घोटाला किया हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ताज प्रकरण के बारे में अक्सर बोलते हैं. अब केन्द्र में उनकी पार्टी की सरकार है, अब वह देख लें कि मामला क्या है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सचाई यह है कि ताज कॉरिडोर परियोजना कुल 175 करोड़ रुपये की थी. बीएसपी सरकार के कार्यकाल में उस पर केवल 17 करोड़ रुपये का काम हुआ था. उस वक्त केन्द्र में बीजेपी नीत सरकार थी.


उन्होंने कहा कि ताज गलियारा मामले का बीएसपी के सर्वोच्च नेतृत्व से दूर-दूर तक सम्बन्ध नहीं रहा. उनके सामने इसकी कोई फाइल भी नहीं रखी गयी थी, और ना ही किसी फाइल पर उनके हस्ताक्षर हैं. अगर इस प्रकरण में उस दौरान कोई घपला हुआ तो वह केन्द्र की तत्कालीन बीजेपी सरकार और उसकी संस्था द्वारा किया हुआ माना जाएगा.


2017 में भी बनने जा रही है BSP की पूर्ण बहुमत की सरकार


मायावती ने कहा, ‘‘इन साजिशों, हरकतों और हथकंडों से यह बात साबित हो जाती है कि साल 2007 की तरह 2017 में भी बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है. साल 2007 में भी उन्होंने मेरे तथा मेरे भाइयों और रिश्तेदारों के खिलाफ इससे भी कई गुना ज्यादा घिनावनी हरकतें की थीं. लेकिन इससे उन्हें मिलेगा कुछ नहीं.’’ संवाददाताओं के एक सवाल पर बीएसपी मुखिया ने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ सबसे पहले उन्होंने ही आवाज उठायी थी, इसीलिये उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.