लखनऊ: लखनऊ में बीजेपी विधायक और उनके कार्यकर्ताओं की गुंडई उस वक्त देखने को मिली जिस वक्त पूरा लखनऊ झूलेलाल वाटिका पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई की अस्थि कलश यात्रा में शामिल होने पहुंचा था. कार्यक्रम में विधायक अविनाश त्रिवेदी अपने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे.


कार्यक्रम खत्म हुआ तो विधायक का काफिला घर के लिए रवाना हुआ, लेकिन जैसे ही विधायक अपने कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम स्थल से महज कुछ दूरी पर पहुंचे थे तभी एलयू चौकी इंचार्ज अभय सिंह की नजर उनके कार्यकर्ताओं में शामिल प्रशांत मिश्रा पर पड़ गई. जो कुछ दिन पहले एलयू में हुए बवाल के मामले में नामजद है और फरार चल रहा था.


प्रशांत मिश्रा के खिलाफ कोर्ट से गैरजमानती वारंट भी जारी किया जा चुका है. हसनगंज कोतवाली के एलयू चौकी प्रभारी जैसे ही प्रशांत को पकड़ने की कोशिश करने लगे. बस फिर क्या था विधायक और उनके कार्यकर्ता उग्र हो गए और उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी.सत्ता के नशे में चूर विधायक और उनके कार्यकर्ताओं ने पहले चौकी इंचार्ज से अभद्रता की उसके बाद मारपीट पर उतर आए.


वहीं मौके पर मौजूद सीओ और इंस्पेक्टर हसनगंज बगले झांकते नजर आए. विधायक के रसूख के आगे किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह अपने ही पुलिसकर्मी की मदद कर सके. मामले ने जब मीडिया में तूल पकड़ा तो खुद अधिकारी इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से बचते नजर आए.