नई दिल्ली/लखनऊ: बीएसपी चीफ मायावती को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाली बीजेपी की महिला विधायक साधना सिंह ने अपने बयान पर खेद जरूर प्रकट किया है, लेकिन माफी नहीं मांगी है. साधना सिंह ने अपने बयान में कहा कि उनकी मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी. उनके शब्द से किसी को दुख हुआ है तो उन्हें खेद है.


साधना सिंह ने कहा, मेरी मंशा किसी को अपमानित करने की नहीं थी, बल्कि मेरी मंशा सिर्फ यही थी कि 2 जून 1995 में गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी ने मायावती जी की मदद की थी, उसे सिर्फ याद दिलाना था न कि उनका अपमान करना था. अगर मेरे शब्द से किसी को कष्ट हुआ तो मैं खेद प्रकट करती हूं.


उन्होंने कहा, "वह महिला नारी जाती पर कलंक हैं. जिस महिला की आबरू को बीजेपी के नेताओं ने लुटते-लुटते बचाया उसी ने सुख-सुविधा के लिए, अपने वर्चस्व को बचाने के लिए अपमान पी लिया. ऐसी महिला तो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है. वह ना नर है, ना महिला है उसकी गिनती किस श्रेणी में करनी है."


दरअसल, साधना सिंह ने चंदौली जिले के करणपुरा गांव में शनिवार को आयोजित किसान कुंभ कार्यक्रम में मायावती का जिक्र करते हुए कहा था, "हमको तो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ना तो महिला लगती हैं और ना ही पुरुष. इनको तो अपना सम्मान ही समझ में नहीं आता. जिस महिला का इतना बड़ा चीर हरण हुआ, उसने कुर्सी पाने के लिए अपना सारा सम्मान बेच दिया. ऐसी महिला मायावती का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं."


बयान की निंदा


बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने भी कहा कि बीजेपी विधायक ने बीएसपी मुखिया मायावती के लिए जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किए हैं वह बीजेपी के स्तर को दिखाता है. एसपी-बीएसपी के गठबंधन की घोषणा के बाद से ही बीजेपी नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. "उन्हें आगरा और बरेली के अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत है. ऐसे नेताओं को पागलखाने भेज देना चाहिए."


साधना सिंह के इस बयान की चौतरफा निंदा हुई. अखिलेश यादव ने बीजेपी विधायक की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, ''बीजेपी विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.''






आप विधायक अलका लांबा ने मायावती को लेकर किए गए अपशब्द पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंन कहा कि इस वक्त मायावती 56 इंच पर भारी हैं.






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कौन है साधना सिंह?


साधना सिंह चंदौली जिले की मुगलसराय सीट से विधायक हैं. वो साल 2017 में पहली बार विधायक बनी. 1993 जिले में जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं. इसके साथ ही चंदौली जिले की महिला प्रकोष्ठ और व्यापार मंडल के अध्यक्ष का पद संभाल चुकी हैं. विवादों से उनका रिश्ता पुराना है.


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