इलाहाबाद: यूपी की योगी सरकार के कामकाज पर विपक्षी पार्टियों से ज़्यादा अब बीजेपी के विधायक ही सवाल उठाते हुए उस पर निशाना साधने लगे हैं. अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बीजेपी विधायकों में नया नाम एमएलसी डा० यज्ञदत्त शर्मा का जुड़ गया है.


यज्ञदत्त शर्मा विधान परिषद में बीजेपी विधायक दल के उपनेता हैं. लगातार चार बार से एमएलसी चुने जा रहे बीजेपी के सीनियर लीडर डा० यज्ञदत्त शर्मा का कहना है कि योगी सरकार का नौकरशाही पर कोई अंकुश नहीं है, जिसकी वजह से वह बेलगाम हो गई है.


सरकार में विधायकों व पार्टी के सीनियर लीडर्स की भी नहीं सुनी जा रही है. उनके मुताबिक़ सरकार का जो रवैया है, वह पार्टी के लिए कतई ठीक नहीं है. पिछले बाइस सालों से विधायक यज्ञदत्त शर्मा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए इन दिनों वही हालात हो गए हैं, जो कल्याण सिंह की पहली सरकार में थी.


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कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व उनकी नाराज़गी की वजह से कल्याण सिंह की सरकार गिरने पर बीजेपी 1993 में दोबारा सत्ता में नहीं आ सकी थी. यही हालात इन दिनों भी बनते जा रहे हैं. विधायक यज्ञदत्त शर्मा ने सीएम योगी को आगाह करते हुए लिखा है कि हालात बदतर होते जा रहे हैं और इस पर गंभीरता से विचार किये जाने की ज़रूरत है.


डा० यज्ञदत्त शर्मा इलाहाबाद के रहने वाले हैं. वह पिछले चार बार से इलाहाबाद - झांसी ग्रेजुएट कांस्टुएंसी से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं. पेशे से शिक्षक रहे यज्ञदत्त शर्मा की गिनती बीजेपी के सीनियर लीडर्स में होती है. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री डा० मुरली मनोहर जोशी के बेहद करीबियों में गिने जाते हैं.


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सदन में वह अक्सर सीएम योगी की बगल की सीट पर बैठे नजर आते हैं. सूबे के प्राइमरी स्कूलों में हुए टीचर्स के ट्रांसफर में जो पॉलिसी अपनाई गई, उससे वह बेहद नाराज़ हैं. उनकी नाराज़गी माध्यमिक स्कूलों के टीचर्स के ट्रांसफर के नियम को भी और पेचीदा किये जाने को लेकर भी है.


इसीलिये उन्होंने चिट्ठी की कॉपी सीएम योगी के साथ ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल को भी भेजी है. अपनी चिट्ठी को उन्होने प्रेस नोट के साथ आज सार्वजनिक भी कर दिया है. उनका कहना है कि पार्टी और सरकार उनकी इस चिट्ठी व उसमे लिखी गई बातों को चाहे जिस भी रूप में ले, उसकी उन्हें फ़िक्र नहीं है.


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दरअसल लगातार बाइस सालों से विधायक सीनियर लीडर डा० यज्ञदत्त शर्मा को योगी सरकार में मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी. हालांकि डिप्टी सीएम केशव व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ, नंद गोपाल नंदी और रीता जोशी के होने की वजह से उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी.


मीडिया में दिए गए बयान में उन्होंने दावा किया है कि सूबे में कड़ाई सिर्फ दिखावे की है और हकीकत में इसका कोई असर नहीं है. सरकार का नौकरशाही पर अंकुश नहीं रह गया है. इससे कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.


दो पन्ने की अपनी चिट्ठी में लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे यज्ञदत्त शर्मा ने ज़्यादातर हिस्से में टीचर्स के ट्रांसफर पर अपनी बात लिखी है, लेकिन पांचवें और आख़िरी पैरे में उन्होंने सरकार को लेकर खुलकर अपनी नाराज़गी जताई है.