पटना: कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाए जाने के मुद्दे पर बिहार एनडीए में दो राय है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस मुद्दे पर साफ तौर पर कह चुके हैं कि बिना लॉकडाउन के नियमों में संसोधन के वे कुछ नहीं कर सकते हैं. लेकिन अब बिहार बीजेपी के एमएलसी संजय पासवान ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाया जाए. बता दें कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार है.


संजय पासवान ने कहा, ‘’मुख्यमंत्री का ये कर्तव्य है कि वे हमारे बच्चों को वापस लाएं. इससे हमें राजनीति नुकसान भी हो रहा है. उन्हें तीन मई से पहले सभी बच्चों को वापस लाना चाहिए. इस साल राज्य में चुनाव होने हैं. तकरीब हर मिडिल क्लास परिवार का एक बच्चा कोटा में पढ़ रहा है.’’


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘’छात्रों की संख्या एक हजार हो सकती है लेकिन इससे एक लाख परिवार प्रभावित हैं. अगर एक लाख परिवार में पांच वोटर हैं तो पांच लाख वोटर प्रभावित होते हैं. इसलिए मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वे कोटा और पुणे में फंसे हमारे छात्रों को वापस लाएं.’’


गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन में यातायात के माध्यम फिलहाल बंद हैं. हालांकि, कुछ राज्यों ने राजस्थान के कोटा में फंसे अपने छात्रों को वापस बुलाया लिया है. बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तीन दिनों के भीतर कोटा से 2500 से 3000 हजार छात्र वापस आ जाएंगे. वहीं इससे पहले यूपी, छत्तीसगढ़, असम और पंजाब जैसे राज्यों ने कोटा से अपने छात्रों को वापस बुलाया है.


बिहार में विपक्षी दल भी इसकी मांग कर रहे हैं. खासकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर निशाना साध चुके हैं. तेजस्वी का कहना है कि जब दूसरे राज्य अपने बच्चों को कोटा से वापस बुला रहे हैं तो बिहार की सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है?