कानपुर: बीजेपी की गोपनीय टीम अपने सांसदों का रिपोर्टकार्ड तैयार कर रही है. टीम पड़ताल कर रही है कि किस सांसद ने चार सालों में क्या काम किया है. फिलहाल ये टीम बुंदेलखंड के सांसदों का काम जांच रही है.


टीम ये देख रही है कि कौन सांसद जनता के बीच रहा, जनता के साथ उसका व्यवहार कैसा रहा, इलाके में उसकी लोकप्रियता कितनी है, सासंद निधि का इस्तेमाल कैसे किया गया, आदि. इन्हीं बिन्दुओं के आधार पर तय होगा कि 2019 में उसे टिकट मिलेगा या नहीं.


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जानकारी के मुताबिक इस टीम को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है. इसमें कुछ संघ के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है. कानपुर-बुंदेलखंड की 10 सीटों में से 9 सीटें बीजेपी के पास हैं और बीजेपी इन्हें गंवाना नहीं चाहती है. बीजेपी सांसदों में इस बात को लेकर कौतुहल की स्थिति बनी हुई है कि कौन सी टीम उनके क्षेत्र में काम कर रही है.


आने वाले 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर आ रहे हैं. इस दौरान वह अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे. इस दौरान वह जनता के मूड को समझने की कोशिश करेंगे.


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बीजेपी कानपुर संसदीय सीट को वीआईपी सीट बनाने के मूड में दिख रही है. पार्टी इस बात को अच्छी तरह से समझ रही है कि शहर में ऐसा कोई नेता नहीं है जो महागठबंधन को टक्कर दे सके. इसके लिए बीजेपी ने इसे वीआईपी सीट बनाने का फार्मूला खोजा है.


कानपुर से किसी बड़े नेता के चुनाव लड़ने की संभावना है. दरअसल कानपुर से पूरे बुंदेलखंड को संचालित किया जा सकता है इस वजह से पार्टी की निगाहें इस सीट पर टिकी हैं. अब देखना ये होगा कि किस सांसद का पत्ता कटेगा और किसे 2019 के लिए हरी झंडी मिलेगी.