पटनाः कोरोना संकट के बीच देश में कुछ हद तक परिवहन सेवा शुरू हो गई हैं. धीरे-धीरे सभी सुविधाओं को बहाल किया जा रहा है. ट्रेनें वापस पटरियों पर दौड़ने लगी हैं, लेकिन कुलियों के लिए अब तक न तो सरकार ने कोई फैसला सुनाया है और न ही रेल मंत्रालय ने. लोगों के सामान का बोझ उठाने वाले इन कुलियों का बोझ उठाने को कोई तैयार नहीं है. ऐसे में वह थक हार कर बुधवार को पाटलिपुत्र सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के पास पहुंचे.


पटना जंक्शन पर काम करने वाले मुंशी यादव और मुन्ना पासवान के नेतृत्व में कई कुलियों के दल ने रामकृपाल से मुलाकात कर कुली सेवा चालू करवाने की गुहार लगाई. इसके बाद रामकृपाल ने उनके सामने ही फोन करके डीआरएम, दानापुर को स्टेशनों पर कुली सेवा चालू करने को कहा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में ट्रेन सेवा बंद होने की वजह से कुलियों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं कुलियों तरफ से उन्होंने रेलवे को आश्वस्त किया कि सभी लोग मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए सोशल दूरी बनाकर काम करेंगे.


रामकृपाल के बात करने के कुछ देर बाद डीआरएम दानापुर ने कॉल कर सूचित किया कि स्टेशनों पर कुली सेवा की बहाली का आदेश जारी कर दिया गया है. यह खबर सुनते ही कुलियों में खुशी की लहर दौड़ गई. जिसके बाद सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रामकृपाल का नारा लगाते हुए वे सभी वापस लौट गए.


इस संबंध में कुलियों ने कहा कि गरीबों का हमेशा ध्यान रखने वाले संसद रामकृपाल से हमें उम्मीद थी कि वह आएंगे तो हमारी परेशानियों को दूर कर देंगे. 2009 में भी उन्होंने हमारी बहुत मदद की थी. अब पीएम मोदी के शासन में एक बार फिर उन्होंने आवाज उठाई है तो हो सकता है कि हमारा 2009 में नौकरी वाला काम पूरा जाए.


दरसअल, रामकृपाल यादव ने बुधवार को कहा कि देश में लॉकडाउन 4 खत्म और अनलॉक 1 शुरू हो गया है, इसके लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल का धन्यवाद करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में सरकार ने देश के लोगों के लिए बहुत सारे कदम उठाए हैं. हर तबके और वर्ग के लोगों को हक देने का काम किया है.


रामकृपाल ने कहा कि चाहे वो मजदूर, किसान, नौजवान, दिव्यांग, वृद्ध, महिला, पुरुष या छोटे-बड़े उद्योग वाले लोग हो, हर किसी का सरकार ने ख्याल रखा है. उन्होंने कहा कि अब रेल की गतिविधि भी शुरू कर दी गई है, लेकिन देश का एक बड़ा वर्ग लगता है कि अछूता रह गया है. कल कुलियों का एक प्रतिनिधिमंडल आया था. उन लोगों ने कहा वो भी काम चाहते हैं, लेकिन अभी तक इजाजत नहीं मिल पाई है.


रामकृपाल ने कहा, ''ऐसे में मैं रेल मंत्री से आग्रह करना चाहता हूं कि आप देश के कुलियों पर भी ध्यान दीजिए और उनको काम करने की इजाजत दीजिए. ताकि उनकी भी आर्थिक स्थिति सुधर सके और बेरोजगारी खत्म ही सके. वहीं उनकी रोजी-रोटी की समस्या खत्म हो सके.''


दरअसल, कोरोना से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से परिवहन सेवा 2 महीने से अधिक समय से बंद थी. ऐसा में में रेलवे के कुली जो यात्रियों का सामान ढो-कर अपनी जीविका चलाते थे, उनके सामने आथिर्क संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.


आपको बता दें कि 2009 में जब रेल मंत्रालय की कमान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के हाथ में था तब उन्होंने रेल बजट में यह घोषणा की थी कि कुलियों की रेलवे में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के रूप में नियुक्ति की जाएगी. इस फैसले तत्कालीन बिहार के दो से तीन हजार कुलियों को इसका सीधा लाभ मिलने वाला था. कुलियों को नौकरी मिली भी लेकिन बाद छंटनी की वजह से कई कुलियों की नौकरी गई. जबकि कई कुली ने खुद से भी गैंगमैन की नौकरी छोड़ दुबारा कुली बनाना ही पसंद किया.


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