लखनऊ: उन्नाव में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा,"जब मैं राजनीति में आया तो मेरा पहला बयान था कि मथुरा, काशी छोड़ो, दिल्ली की जामा मस्जिद तोड़ो, अगर सीढ़ियों के नीचे से मूर्तियां ना निकलें तो मुझे फांसी पर लटका देना. मैं इस बयान पर आज भी कायम हूं"
कई अन्य नेताओं की तरह साक्षी महाराज ने भी सुप्रीम कोर्ट पर कहा कि उन्होंने तमाम अनावश्यक बातों पर फैसले दे दिए लेकिन अयोध्या के मामले में वो टालमटोल कर रहे हैं. साक्षी ने कहा कि मुगलकाल में मंदिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनाई गई थीं.
अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले बीजेपी सांसद ने कहा कि मुगलकाल में हिन्दुओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया और अब बीजेपी सरकार से अपेक्षा है कि सोमनाथ की तर्ज पर लोकसभा में कानून बनाया जाए.
लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी से जुड़े लोगों और संगठनों की ओर से ऐसे बयान सामने आ रहे हैं. अपने विवादित बयानों के लिए जानी जाने वाली हिन्दू कार्यकर्ता साध्वी प्राची ने मांग की कि केंद्र की भाजपा सरकार संसद में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाए ताकि मंदिर निर्माण के रास्ते की बाधा दूर हो. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण निश्चित है और 25 नवंबर को अयोध्या में इस मामले पर विचार विमर्श के लिए लाखों ‘राम भक्त’ एकत्र हो रहे हैं.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को धर्म सभा के आयोजन से पहले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर उस दिन संविधान ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री व योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते यदि राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पायेगा.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा कि रविवार को अयोध्या में निर्धारित 'धर्मसभा' राम मंदिर के निर्माण के लिए बाधाओं को दूर करने का 'आखिरी प्रयास' है. मंदिर के शुरुआती निर्माण के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई है. एक बयान में वीएचपी क्षेत्रीय संगठनात्मक सचिव भोलेंद ने कहा कि अब और कोई सभाएं नहीं होंगी और अब अगला पड़ाव मंदिर के निर्माण की शुरुआत होगी.