प्रयागराज: पार्टी से पिछले कुछ दिनों से नाराज़ चल रहे बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज खुलकर अपनी बगावत का एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि हां मैं बागी हूं, लेकिन मैंने यह बगावत अपने लिए नहीं बल्कि किसानों-गरीबों व ज़रूरतमंद लोगों के लिए की है. उनके मुताबिक़ मैं अपनी सरकार व लोगों को इसलिए बार-बार आईना दिखाने की कोशिश करता हूं, क्योंकि बीजेपी कार्यकर्ता से पहले मैं भारत का ज़िम्मेदार नागरिक हूं और अपनी इसी ज़िम्मेदारी को महसूस करते हुए हमेशा सच बोलने और सरकार और दूसरे ज़िम्मेदार लोगों को सच्चाई से वाकिफ कराने की कोशिश करता हूं. अगर सच बोलना बगावत है तो हां मैं बागी हूं.

उन्होंने सफाई दी कि मैं सरकार के विपक्षी मंचों पर नहीं, बल्कि ज़रूरतमंद लोगों की आवाज़ उठाने के लिए उनके मंच पर जाता हूं और सच-सिद्धांत पर बात करने की कोशिश करता हूं. इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है. फिर भी अगर लोग मुझे बागी कहते हैं, तो मैं खुद को बागी मान लेता हूं. अपनी ही सरकार पर फिर से निशाना साधते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उनके लिए विकास हमेशा मुद्दा था और रहेगा. जिन लोगों ने विकास के वादे किये थे, उन्हें अब इस बारे में जवाब भी देना चाहिए. यह मीडिया और आम जनता को देखना चाहिए कि विकास समेत कितने वायदे पूरे हुए हैं.

मंदिर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मंदिर को लेकर आवाज़ उठाई थी और वायदा किया था, उन्हें अब इस बारे में भी अब तक की कोशिशों के बारे में बताना चाहिए. उन्होंने कहा मैं रामायणवादी हूं, लेकिन मंदिर मुद्दे पर सीधे कोई जवाब नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि हर सरकार को काम करना चाहिए.

चित्रकूट में अपना दल द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की रैली में शामिल होने के लिए रवाना होने से पहले बात करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्हें पार्टी द्वारा शीतकालीन सत्र में जारी किये गए व्हिप के बारे में जानकारी नहीं है. हो सकता है राष्ट्रहित में किसी मुद्दे पर बिल की ज़रुरत पड़ी हो, इसलिए व्हिप जारी किया गया हो. इसमें विपक्ष को भी मदद करनी चाहिए. वाराणसी सीट से विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, हालांकि इससे इंकार भी नहीं किया.