पीलीभीत: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य वरूण गांधी ने कहा है कि उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय का वोट अधिक नहीं मिला लेकिन जो भी मिला, वह उनके लिए आशीर्वाद है. वरूण अपने निर्वाचन क्षेत्र पीलीभीत के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. उन्होंने कहा, 'अल्पसंख्यक समुदाय का वोट अधिक नहीं मिला लेकिन ये भी सच है जिन अल्पसंख्यक लोगों ने मुझे वोट दिया, वो मेरे लिये आशीर्वाद है.'
उन्होंने कहा, 'बहुत से अल्पसंख्यक मेरा साथ दे रहे थे, मेरा प्रचार कर रहे थे. उनको अपने समाज में ताने दिए जा रहे थे, फिर भी वे डगमगाए नहीं और मुझे जी जान से चुनाव लड़ाया.' वरूण ने कहा कि अब वह पीलीभीत को छोडऩे वाले नहीं हैं. तीस-चालीस साल तक तो कहीं जाने वाले नहीं, पीलीभीत के लोगों की ही सेवा करेंगे. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की.
मुस्लिमों के बीच पैठ बना रही बीजेपी
बीजेपी ने मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में अपनी चहल कदमी तेज कर दी है. बीजेपी नेताओं का मानना है कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने बीजेपी पर भरोसा जताया है. बीजेपी के नेता मुस्लिमों की समस्याओं को सुन रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को घर-घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में बैठक कर रहा है. पार्टी के लोग मुस्लिम लोगों को रोजगार आदि में मदद कर रहे हैं और उनके कामों को कराने के लिए अफसरों के पास भी पहुंच रहे हैं.
मेनका गांधी का बयान रहा था चर्चा में
बीजेपी सांसद और वरुण गांधी की मां मेनका गांधी ने चुनाव के दौरान एक सभा में कहा था कि, 'मैं जीत रही हूं. लोगों की मदद और प्यार से मैं जीत रही हूं. लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो बहुत अच्छा नहीं लगेगा. क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है. फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए, फिर मैं सोचती हूं कि रहने ही दो... क्या फर्क पड़ता है. आखिर नौकरी सौदेबाजी भी तो होती है. ये नहीं है कि हम सब महात्मा गांधी की छठी औलाद हैं कि हम आएंगे और केवल देते ही जाएगे, देते ही जाएंगे और इलेक्शन में मार खाते जाएंगे. ये जीत आपके बिना भी होगी, आपके साथ भी होगी."
इस बयान के कारण मेनका गांधी को नोटिस भी जारी हुआ था. हालांकि उन्होंने कहा था कि ये एडिटेड वीडियो है और एक हिस्से को ही दिखाया जा रहा है. उन्होंने चुनाव जीतने के बाद साफ तौर पर कहा था कि किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और सबका साथ सबका विकास की नीति पर ही काम होगा.