लखनऊ: बीते बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ एक कार्यक्रम में शामिल हुए. ये कार्यक्रम बीजेपी ओबीसी मोर्चा की ओर से आयोजित कराया गया था. इस कार्यक्रम में मुख्यत: राजभर समाज के लोग शामिल हुए थे. सीएम ने भी इस मौके पर महाराजा सुहेलदेव की जम कर तारीफें कीं. उन्होंने कहा कि यह देश सुहेलदेव के आदर्शों पर चलेगा ना कि गजनी के.


लखनऊ में पीडब्ल्यूडी विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में 25 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. गौरतलब है कि मिशन 2019 की तैयारियों में जुटी बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग समाज की अलग-अलग जातियों के साथ सामाजिक सम्मेलन की शुरुआत की है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को इन सम्मेलनों का प्रभारी बनाया गया है.


राजभरों का सम्मेलन क्यों?


सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. एसबीएसपी और बीजेपी के बीच गठबंधन है. एसबीएसपी के यूपी में चार विधायक भी हैं. ओम प्रकाश राजभर, सरकार बनने के बाद से ही अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं. वे कई बार अपनी ही सरकार के काम-काज पर सवाल खड़े कर चुके हैं.



एक बार तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी उन्हें मिलने के लिए बुलाया था. इस मुलाकात के बाद लग रहा था कि अब सब ठीक हो जाएगा लेकिन ओपी राजभर ने बयान नहीं रुके.


उन्होंने कई बार कहा कि लोगों के काम नहीं हो रहे हैं और अफसर विधायकों, मंत्रियों की बातें नहीं सुन रहे हैं. हाल ही में वे एक सड़क बनाने के लिए खुद जुट गए थे. उन्होंने कहा था कि अफसरों ने उनकी बात नहीं सुनी इसलिए उन्हें खुद सड़क बनाने के लिए बाध्य होना पड़ा.


शिवपाल के साथ की थी मुलाकात


बहुत वक्त नहीं बीता जब ओम प्रकाश राजभर ने शिवपाल सिंह यादव के साथ मुलाकात की थी. तभी से ये कयास लगाए जाने शुरू हो गए कि वे समाजवादी पार्टी के साथ भी जा सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि वे 2024 तक बीजेपी के साथ रहेंगे लेकिन उनकी बात पर शायद बीजेपी को यकीन नहीं है. तभी बीजेपी ने वाराणसी के अनिल राजभर को राज्य मंत्री बनाया और बलिया के सकलदीप राजभर को राज्य सभा का सांसद बनाया.



अपनी बिरादरी के सबसे बड़े नेता


ओम प्रकाश राजभर अपनी बिरादरी के बड़े नेता है. खबरें तो यहां तक हैं कि उनके कुछ समर्थक उनकी पूजा करते हैं. उनकी तस्वीरें, समर्थकों के घरों में मिलती हैं और उनके भाषण मोबाइलों में. राजभर बिरादरी का 40 सीटों पर प्रभाव माना जाता है. 2017 में 8 सीटों पर एसबीएसपी ने चुनाव लड़ा था और करीब 34 फीसद वोट हासिल किया था.


राजभरों के वोट पर बीजेपी की नजर


सीएम योगी ने जम कर महाराजा सुहेलदेव की तारीफें कीं. उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी राजभर समाज की उपेक्षा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. अब क्या बीजेपी ओम प्रकाश राजभर को दरकिनार कर राजभर वोटरों को अपने पक्ष में करना चाह रही है? देखना ये होगा कि क्या राजभर समाज के वोट बीजेपी को मिलेंगे या फिर ओम प्रकाश राजभर ही अपनी बिरादरी के सबसे बड़े नेता बने रहेंगे?