आजमगढ़: समाजवादी पार्टी ने कहा कि बीजेपी की केंद्र व प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है.उनको पता चल गया है कि झूठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ने वाली है. यही कारण है कि आरएसएस के इशारे पर उनके राजनीतिक संगठन बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर का मुद्दा खड़ा कर पिछड़ों, शोषितों व अनुसूचित जातियों को मूर्ख बनाने का प्लान तैयार किया है.


सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि मंदिर बनवाना बीजेपी का लक्ष्य नहीं है, बल्कि मंदिर के बहाने सत्ता हासिल करना है. जनता सब समझ रही है. जो अपेक्षा इन्होंने भीड़ जुटाने की की थी, वह भीड़ नहीं जुट पाई, क्योंकि पिछड़े वर्ग के लोग उनकी चाल को समझ गए हैं.


उन्होंने कहा कि सन1992 में जब प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार थी, उस समय आरएसएस ने पिछड़े समाज के मुख्यमंत्री के विरुद्ध रणनीति बनाकर मंदिर व मस्जिद गिराने का षड्यंत्र किया. वह पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री को नहीं बर्दाश्त कर सकते.


हवलदार ने कहा कि मोदी व योगी के शासनकाल में जनता कमरतोड़ मंहगाई व बेरोजगारी से परेशान है. किसान डीजल व विद्युत की दरें खाद, बीज मंहगा होने के कारण बुआई नहीं कर पा रहा है. नियुक्तियों में घोर भ्रष्टाचार व बेईमानी हो रही है. पिछड़ों व दलितों को भागीदारी से वंचित किया जा रहा. जाति विशेष के लोगों को नौकरी में रखा जा रहा है.


उन्होंने कहा कि धान क्रय केंद्र न खुलने के कारण किसान धान को औने-पौने दाम में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर है. गन्ना किसानों को पर्चियां नहीं मिल रही हैं. बिचौलिये पर्चियां लेकर गन्ना किसानों से सीधे गन्ना ले रहे हैं.थानों व तहसीलों में भी घोर भ्रष्टाचार है. अधिकारी जाति पूछकर लोगों का काम कर रहे हैं.


हवलदार ने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी से आम आदमी व छोटे व्यापारी परेशान हैं. इन मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए आरएसएस-बीजेपी भगवान राम के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं.


सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी की सरकार में पूंजीपति मालामाल हो रहा है. किसान, गरीब भुखमरी से पीड़ित हो रहा है. आरएसएस-बीजेपी न्यायालयों पर खुलेआम टिप्पणी कर रही है. उसका संविधान व लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है.