लखनऊ: तीन तलाक के मुद्दे पर बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में सियासी संग्राम शुरू कर दिया है. यूपी बीजेपी ने पार्टी के दो अल्पसंख्यक नेता को 'तीन तलाक प्रमुख' के तौर पर नियुक्त किया है. ये लोग प्रदेश के सभी तीन तलाक पीड़िताओं से मुलाकात करेंगे और उन लोगों की भलाई के लिए क्या किया जा सकता है के बारे में उनसे सुझाव लेंगे.


डॉ नाज़िया आलम और शहनाज़ को 'तीन तलाक प्रमुख' नियुक्त किया गया है. दोनों वर्तमान में यूपी बीजेपी के स्टेट सेक्रेटरी हैं. बीजेपी इस पद का पूरे प्रदेश में विस्तार करेगी और पार्टी अपने 6 क्षेत्रीय और 93 जिले के यूनिट में 'तीन तलाक प्रमुख' को आगे नियुक्त करेगी. ये सभी निर्णय यूपी बीजेपी के माइनॉरिटी विंग की बैठक में लिए गए.


बीजेपी इन प्रमुखों के माध्यम से प्रदेश में कुरान का हिंदी अनुवाद करा इसे मुस्लिम महिलाओं के बीच बांटेगी. ऐसा करने के पीछे बीजेपी का तर्क है कि महिलाएं हिंदी में कुरान पढ़कर यह जान सकेंगी कि तीन तलाक कुरान में बिल्कुल वर्जित है. बीजेपी का इस कदम पर कहना है कि इससे कट्टर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जो समाज में गलत संदेश फैलाया है उसे भी खत्म करने में मदद मिलेगी.


नियुक्त किए गए प्रमुख प्रदेशभर में दिवाली के बाद से पीड़िताओं से मिलना प्रारंभ करेंगे. तीन तलाक प्रमुख डॉ नाज़िया आलम का कहना है कि अभी कितनी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक का शिकार हुई हैं इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं को पहले हमें चिन्हित कर उनसे बात करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसी महिलाओं की दास्तान लोगों को बताने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेगी.


डॉ नाज़िया आलम का कहना है कि इस प्रोग्राम का उदेश्य राजनीति करना नहीं, सामाजिक उत्थान है. उन्होंने कहा कि हम पहले चरण में प्रदेश के उन इलाकों का दौरा करेंगे जहां मुस्लिमों की संख्या अधिक है. इनमें रामपुर, बरेली, सहारनपुर, अलीगढ़ और मुजफ्फरनगर प्रमुख हैं.


इस मसले पर यूपी बीजेपी के अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष हैदर अब्बास चंद का कहना है कि जो भी महिलाएं ट्रिपल तलाक के खिलाफ बोली हैं और जिन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी हैं उन्हें पार्टी सम्मानित करेगी. 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ट्रिपल तलाक मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था.


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