लखनऊ: यूपी के मेरठ में आज दोपहर पीएम मोदी परिवर्तन संकल्प रैली करने वाले हैं उससे पहले यूपी में दो कारोबारियों की हत्या का केस चुनावी मुद्दा बन गया है. पिछले तीन दिनों में लखनऊ और मेरठ में हुई दो हत्या को लेकर राजनीतिक पारा गर्म है. बीजेपी इन हत्याओं को लेकर अखिलेश सरकार पर हमला कर रही है.


लखनऊ और मेरठ में हत्या की दो वारदातें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनावी रथ को बड़े झटके दे सकती हैं, चुनावी माहौल के बीच हुई इन हत्याओं ने बीजेपी को अखिलेश के खिलाफ बड़ा मुद्दा दे दिया है, ज़ाहिर है बीजेपी इसे हाथ से जाने नहीं देना चाहती है


लखनऊ के सआदतगंज में जिन कारोबारी श्रवण साहू की हत्या एक फरवरी को कर दी गई थी उनके परिवार वालों से मिलने केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे थे. कारोबारी श्रवण साहू के रिश्तेदार सीबीआई की जांच मांग कर रहे थे. कारोबारी श्रवण साहू के परिवार वालों को पीयूष गोयल ने भरोसा दिया कि उनके साथ इंसाफ होगा.


बता दें कि सअदातगंज थाने के इंस्पेक्टर के साथ एक चौकी इंचार्ज और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही हत्या की जांच के लिए 24 पुलिसकर्मियों की टीम बना दी गई है.


कार्रवाई तो हुई लेकिन बीजेपी अखिलेश सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है, लखनऊ में मोर्चा पीयूष गोयल ने संभाला था, तो मेरठ का मोर्चा खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संभाल रखा था, 2 फरवरी को यहां एक कारोबारी के बेटे अभिषेक की हत्या हो गयी थी, विरोध स्वरूप अमित शाह ने मेरठ में अपनी पदयात्रा स्थगित कर दी.


ना तो श्रवण साहू के हत्यारे पकड़े गए हैं और ना ही अभिषेक के, वक्त चुनाव का है और बीजेपी ने इन दोनों ही हत्याओं को चुनावी मुद्दा बना दिया है, दोनों ही जगहों पर लोगों में कानून व्यवस्था और सरकार के खिलाफ नाराज़गी है, ज़ाहिर है अखिलेश यादव के लिए एक और मुश्किल खड़ी हो सकती है