बांदा: पुलिस अधीक्षक शालिनी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने वाले बीजेपी नेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया लेकिन बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता उसे छुड़ा ले गए. एसपी शालिनी ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.


पुलिस ने बीजेपी नेता को बुधवार की रात गिरफ्तार कर लिया लेकिन ढाई सौ से ज्यादा बीजेपी नेता-कार्यकर्ता जुट गए और आरोपी को पुलिस के कब्जे से जबरन छुड़ा ले गए. भारतीय जनता पार्टी के महुआ मंडल अध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक शालिनी के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी की थी.

बांदा में तेरह माह का कार्यकाल गुजार कर मिर्जापुर के लिए स्थानांतरित एसपी ने त्रिपाठी के खिलाफ आईटी एक्ट में अपराध दर्ज करवाया था. मामला एसपी से जुड़ा था लिहाजा पुलिस ने रात में ही बीजेपी पदाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया.

गुरुवार सुबह त्रिपाठी को जेल भेजने की तैयारी के तहत पुलिस उसे चिकित्सीय जांच के लिए जिला चिकित्सालय ले गई, जहां जिलास्तरीय कई पदाधिकारियों के साथ करीब ढाई सौ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अस्पताल को घेर लिया.

बाद में नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) राघवेंद्र सिंह आरोपी को अपनी सरकारी जीप में कोतवाली सदर बांदा ले गए. भीड़ यहां भी पहुंच गई. भीड़ ने सीओ को तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा, उसी दौरान वे आरोपी को जबरन छुड़ा ले गए.

सीओ राघवेंद्र सिंह ने शाम को बताया कि आरोपी बृजेश त्रिपाठी पर दर्ज सभी धाराएं जमानती हैं, इसलिए निजी मुचलका भरवा कर कोतवाली से छोड़ा गया है. अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है.

बीजेपी बांदा जिलाध्यक्ष लवलेश सिंह और महामंत्री प्रेम नारायण द्विवेदी ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया कि पुलिस त्रिपाठी को बुधवार की देर रात गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर ले गई थी, वहां उनकी बेरहमी से पिटाई की गई है. इस संबंध में त्रिपाठी ने सदर कोतवाली में बांदा में एसपी शालिनी को नामजद करते हुए अपहरण और हत्या की साजिश रचने की एक तहरीर भी दी है.