लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था को रास्ते पर लाने की होगी. यूपी में महिलाओं को उम्मीद है कि अब बदलाव जरूर होगा. चुनाव से पहले बीजेपी ने यूपी से गुंडागर्दी दूर करने और महिलाओं को सुरक्षा देने का वादा किया था. लेकिन यूपी में चुनाव जीतने के बाद क्या वाकई यहां की बहन-बेटीयों को बीजेपी से सुरक्षा का भरोसा है ?
बेटियों को क्या लगाता है ?
यहां लड़कियों का कहना है, ‘’अभी तक को कुछ बदलाव नज़र नहीं आता. डर लगता है कि घर भी सही से पहुंच पाएंगे या नहीं.’’ हालांकि अबतक यूपी में बीजेपी ने सत्ता संभाली नहीं है. फिर भी मेरठ के स्कूल और कॉलेज जाने वाली इन बच्चियों को उम्मीद है कि एंटी रोमियो दल बना तो वो पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी.
उत्तर प्रदेश को अपराध का प्रदेश कहा जाए तो गलत नहीं होगा. पिछले पांच सालों में तो यहां महिलाओं पर अत्याचार और खराब कानून व्यवस्था ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.
यूपी में महिला सुरक्षा बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती
साल 2014 में यूपी में करीब 3,467 रेप की घटनाएं हुईं. अगले ही साल 2015 रेप की वारदात में 161% की बढ़ोत्तरी हुई और 9075 रेप के मामले दर्ज हुए. साल 2016 में 15 मार्च से 18 अगस्त के बीच महज छह महीनों में 1012 रेप के मामले दर्ज हुए. इस दौरान छेड़छाड़ के भी रिकॉर्ड 4520 मामले सामने आए.
इसी कानून व्यवस्था को बीजेपी ने चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक सभी ने यूपी से गुंडों को भगा देने की बात कही थी.
बीजेपी ने सरकार आने पर एंटी रोमियो दल की स्थापना का वादा किया था
बीजेपी के घोषणापत्र में भी हर कॉलेज और स्कूल के नजदीक पुलिस थाने में एंटी रोमियो दल के गठन की बात कही गई है. उसके अलावा हर जिले में तीन महिला पुलिस स्टेशन बनाए जाने का ज़िक्र भी है. पुलिस में डेढ़ लाख खाली पदों को एक साल के अंदर भरने का वादा किया गया है. यही नहीं सभी भगौड़े अपराधियों को 45 दिन के अंदर वापस जेल भेजने का दावा भी किया गया है. इन सारे वादों के साथ 14 साल के बाद बीजेपी यूपी में सत्ता संभालने जा रही है. ऐसे में अब अपने वादों को निभाने का वक्त आ गया है.