गेम में दिए जाते हैं कुल पचास टास्क
ब्लू व्हेल गेम में बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं जो इसमें फंसा वो हर टास्क के साथ मौत की तरफ बढ़ता चला जाता है. इस गेम में कुल पचास टास्क दिए जाते हैं. सत्रह साल के शुभम अपनी हिम्मत के दम पर ना सिर्फ इस गेम से बाहर निकले बल्कि अब अपने जैसे दूसरे युवाओं को भी नसीहत दे रहे हैं कि इस गेम के चक्कर में ना पड़ें.
रूस के मोबाइल नंबर से आता है मैसेज
बीटेक के छात्र शुभम बताते हैं कि तीसरे टास्क में हाथ को ब्लेड से काटने को कहा गया और तभी उनका माथा ठनका और वो इससे बाहर निकलने की सोचने लगे. शुभम बताते हैं कि रूस के मोबाइल नंबर से उनके पास टास्क का मैसेज आता था और जब वो गेम छोड़ने लगे तो उन्हें धमकियां भी दी गईं.
लेकिन जब शुभम ने अपना मोबाइल रीसेट कर लिया फिर मैसेज आने बंद हो गए. शुभम को कई दिन लगे इस सदमे से बाहर निकलने में. शुभम का कहना है ब्लू व्हेल गेम का एडमिनिस्ट्रेटर सिर्फ टॉर्चर कर सकता है और कुछ नहीं.
बरेली का प्रशासन भी हरकत में
शुभम की जान उसकी हिम्मत और हौसले ने बचा ली. अब बरेली का प्रशासन भी हरकत में आ गया है. बरेली के मंडलायुक्त पी वी जगनमोहन ने सभी स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है कि सभी बच्चों पर बारीक नजर रखी जाए.
प्रशासन तो सचेत कर ही रहा है एबीपी न्यूज की भी आपसे अपील है-
- गेम पूरी तरह ऑनलाइन है इसलिए बच्चे इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं तो नजर रखें.
- बच्चों के हाथ में मोबाइल है तो अभिभावक सतर्क रहें.
- बच्चे इंटरनेट पर क्या सर्च कर रहे हैं पता करते रहें.
- समय समय पर मोबाइल, कंप्यूटर चेक करते रहें.
- बच्चा गुमसुम रह रहा है तो फौरन काउंसलिंग कराएं.
क्या है ब्लू व्हेल गेम?
ब्लू व्हेल गेम की शुरुआत 2013 में रूस में हुई थी और धीरे धीरे ये पूरी दुनिया में फैल गया. सबसे ज्यादा भारत में ब्लू व्हेल गेम सर्च किया गया है. भारत में महीने भर के अंदर 10 लोग जान दे चुके हैं. गेम में पहले छोटे छोटे टास्क दिए जाते हैं फिर आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है. सरकार इस गेम पर प्रतिबंध लगा चुकी है फिर भी इसका खतरा कम नहीं हुआ है.