गया: बुद्ध की ज्ञानस्थली में 32 बाल भिक्षुओं के साथ यौन शोषण, आरोपी को भेजा गया जेल
दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब यहीं रहने वाले दो बालभिक्षुओं के पिता को किसी ने फ़ोन करके बताया कि संस्था में बच्चों के साथ मारपीट और यौन शोषण होता है.
गया: बिहार में बच्चों के साथ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया से शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है जहां बौद्ध दीक्षा देने वाली संस्था में 32 बाल भिक्षुओं के साथ यौन शोषण और मारपीट का मामला सामने आया है. ये आरोप संस्था के ही संचालक और बौद्ध भिक्षु सुजॉय उर्फ़ संघप्रिया पर लगा है जिसे गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया है.
बोधगया के मस्तीपुर इलाके में बने बुद्धिस्ट नोविस स्कूल और मेडिटेशन सेंटर में रहने वाले 32 बाल भिक्षुओं ने संस्था के संचालक सुजॉय पर अप्राकृतिक यौन शोषण और मारपीट का गंभीर आरोप लगाया गया है. इस बुद्धिस्ट नोविस स्कूल और मेडिटेशन सेंटर का संचालन प्राजन सोशल वेलफ़ेयर ट्रस्ट की ओर से किया जाता है. पुलिस के मुताबिक़ ये ट्रस्ट इसी साल रजिस्टर हुआ है. इसी ट्रस्ट के संचालक सुजॉय उर्फ़ संघप्रिया पर बच्चों के यौन शोषण और मारपीट का आरोप लगा है. आरोपी को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया है जबकि संस्था में काम करने वाले तीन और लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही संस्था के सभी बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है ताकि आरोपों की पुष्टि हो सके.
दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब यहीं रहने वाले दो बालभिक्षुओं के पिता को किसी ने फ़ोन करके बताया कि संस्था में बच्चों के साथ मारपीट और यौन शोषण होता है. ये जानकारी मिलते ही असम के रहने वाले पिता मंगलवार को संस्था पहुंचे जिसके बाद उनके बच्चों ने घटना के बारे में उन्हें जानकारी दी. बुधवार को जैसे ही वो अपने दोनों बच्चों को लेकर घर जाने के लिए निकले संस्था में मौजूद कुछ और बच्चों ने उनके साथ जाने की ज़िद की. इसके बाद कुल 15 बच्चों को लेकर वो गया में मौजूद असम भवन आ गए तब जाकर पुलिस प्रशासन को इस घटना की जानकारी हुई. बाल भिक्षु के पिता का दावा है कि संस्था में मौजूद सभी बच्चों ने उनसे यौन शोषण और मारपीट की शिकायत की थी.
संस्था के सभी बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है ताकि आरोपों की पुष्टि की जा सके. यहां रहने वाले सभी बच्चे नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों त्रिपुरा, असम और अरुणाचल के रहने वाले हैं. इनमें से अधिकतर बच्चों का कहना है कि संस्था का संचालक उन्हें मारता-पीटता था, अपने कमरे में बुलाकर नंगा करता था और फिर नाचने को बोलता था. बच्चों के गुप्तांगों के साथ छेड़छाड़ करता था और मना करने पर उनकी पिटाई करता था.
घटना की जानकारी मिलते ही गया के एसएसपी राजीव मिश्रा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज करके संस्था के संचालक सुजॉय को गिरफ़्तार कर लिया. एसएसपी के मुताबिक़ सभी बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है साथ ही संस्था में मौजूद CCTV को सीज़ कर दिया गया जिसे FSL जांच के लिए भेजा जाएगा. हालांकि जब एबीपी न्यूज़ ने बोधगया में मौजूद ऐसी बाकी संस्थाओं के बारे में जानकारी मांगी तो एसएसपी ने बताया कि पुलिस के पास इस बाबत कोई भी जानकारी मौजूद नहीं है.
बाल भिक्षु के पिता के मुताबिक़ इनके बच्चे पिछले साल से ही इस संस्था में रह रहे हैं जबकि एसएसपी का दावा है कि ये ट्रस्ट इसी साल रजिस्टर हुआ है. ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या बिना रजिस्टर हुए ही ये संस्था बच्चों को अपने यहां रखकर बौद्ध दीक्षा दे रही थी? इसके अलावा ऐसी और कितनी संस्थाएं हैं, ये तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगा.