पटना: बीपीएससी की मेन्स परीक्षा में राज्यपाल को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग ने खेद जताया है. इसके साथ ही उस सवाल को सेट करने वाले से कारण पूछते हुए भविष्य में प्रश्नपत्र सेट करने से वंचित करते हुए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है. बीपीएससी सूत्रों के मुताबिक प्रोफेसर पेपर सेट करते हैं. क्योंकि प्रश्नपत्र सीक्रेट दस्तावेज होता है इसलिए इसकी जांच नहीं हुई. अब एक दो दिन में कमीशन के सारे मेंबर बैठेंगे और आगे कुछ फैसले लिए जाएंगे.


बता दें कि रविवार 14 जुलाई को बीपीएससी की मेन्स परीक्षा में पूछा गया कि क्या बिहार में राज्यपाल की भूमिका केवल एक कठपुतली जैसी है. दरअसल सवाल में भारतीय राजनीति में राज्यपाल की भूमिका की आलोचनात्मक परिक्षण करने के लिए कहा गया है. बिहार के संदर्भ में इसका विशेष रूप से परिक्षण करने के लिए कहा गया और इसमें पूछा गया कि क्या वह केवल एक कठपुतली है? पूरा सवाल कुछ इस प्रकार था, ''भारत में राज्य की राजनीति में राज्यपाल की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए, विशेष रूप से राज्य के संदर्भ में. क्या वह केवल कठपुतली है?’’ ये सेक्शन-1 का दूसरा सवाल था. ये प्रश्न 38 नंबर के लिए पूछा गया था.



बिहार लोक सेवा आयोग पटना के संयुक्त सचिव-सह-परीक्षा नियंत्रक की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया, ''64वीं संयुक्त मुख्य (लिखित) प्रतियोगिता परीक्षा के अन्तर्गत दिनांक 14.07.2019 को सामान्य अध्ययन-2 विषय के प्रश्न पत्र में संवैधानिक पद के संबंध में गलत तरीके से प्रश्न पूछा गया है. फलस्वरूप आयोग के द्वारा उक्त प्राश्निक से कारणपृच्छा करते हुए भविष्य में प्रश्न पत्र सेट करने से वंचित करते हुए उन्हें काली सूची में दर्ज किया जाता है. साथ ही आयोग इसके लिए खेद व्यक्त करता है.’’ उधर सियासी गलियारे में भी इस प्रश्न ने चौंका कर रख दिया. बिहार के शिक्षामंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. वहीं आरजेडी ने इसको लेकर कार्रवाई की मांग की.