गोरखपुर: डॉक्टर कफील अहमद के भाई को मारी गोली, जिग्नेश बोले- अच्छे दिन में हिंसा-गोलियां मिली
डॉक्टर कफील अहमद के भाई कासिफ अहमद प्रापर्टी डीलर का काम करते हैं. अभी तक कासिफ पर हमला करने वालों का कोई सुराग नहीं मिला है. डीआईजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने कहा कि अभी तक की जानकारी में मामला आपसी रंजिश का लग रहा है.
गोरखपुर: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आए डॉक्टर कफील अहमद के भाई कासिफ जलील अहमद को गोली मारी गई है. ये घटना रविवार रात करीब दस बजे की है. गोरखपुर के दुर्गाबाड़ी इलाके में बाइक सवार दो लोगों ने उन पर तीन गोलियां चलाई. गोली उनकी बांह और गर्दन में लगी है. ये हमला कासिफ पर तब हुआ जब वे गोरखनाथ से अपने घर बाइक पर लौट रहे थे. उन्हें स्टार हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों की मानें तो वे अभी ख़तरे से बाहर हैं.
डॉक्टर कफील अहमद के भाई पर हमले को लेकर यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल के साथ साथ राजनीति भी शुरू हो गई है. गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ''योगी सरकार के पास जब ऑक्सीजन के पैसे नहीं थे तब बच्चों की जान बचाने वाले डॉक्टर कफील को जेल भेज दिया गया. अब उनके भाई को गोली मार दी जाती है. शुक्रिया मोदी जी आपके अच्छे दिन में हमें भड़काऊ भाषण, हिंसा, रक्तपात और गोलियां मिलीं.''
The Dr. Kafeel who saved children when Yogi Aadityanath gov had no money to pay for oxygen. He was put behind bars. Now his brother is shot at. Thank you so much Modi ji for what your ' acche din ' are offering us -hate speeches, violence, bloodshed and bullets. https://t.co/UjLQ3rd7gK
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) June 10, 2018
कासिफ अहमद प्रापर्टी डीलर का काम करते हैं. अभी तक कासिफ पर हमला करने वालों का कोई सुराग नहीं मिला है. डीआईजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने कहा कि अभी तक की जानकारी में मामला आपसी रंजिश का लग रहा है. कासिफ के भाई आदिल का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
कफील पिछले ही महीने जमानत पर जेल से छूटे हैं. उन्हें मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के केस का आरोपी बनाया गया था. जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. ये बात पिछले साल के अगस्त महीने की है. बताया गया कि ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में कफील पर केस हुआ था. वे 7 महीने तक जेल में रहे. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें ये कहते हुए जमानत दे दी कि डॉक्टर कफिल पर चिकित्सीय लापरवाही का कोई मामला नहीं बनता है.
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