By: एजेंसी | Updated at : 29 Mar 2018 06:56 AM (IST)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी के मालिक की जमानत अर्जी पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में कंपनी के मालिक की जमानत अर्जी रद्द कर दी थी. पिछले साल बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से कई बच्चों की मौत हो गई थी जिसकी वजह से ऑक्सीजन आपूर्तीकर्ता कंपनी का मालिक मनीष भंडारी जेल में बंद है.
सुप्रीम कोर्ट में मनीष भंडारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह बात मानी जा चुकी है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी की वजह से नहीं बल्कि जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण हुई थी. भंडारी पिछले सात महीने से जेल में बंद है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की पीठ ने राज्य सरकार को 12 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में अगस्त 2017 में एक हफ्ते के भीतर 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. उनमें से अधिकतर नवजात बच्चे थे. आरोप है कि वेंडर के बिल के बकाया होने के कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई थी, जिससे बच्चों की मौत हुई.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फरवरी में इस मामले में मनीष भंडारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
हापुड़: पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर मिला सलमान का शव, धारदार हथियार से की हत्या
ग्रेटर नोएडा के नक्शेकदम पर यूपी के ये इलाके, भविष्य में NRC से टक्कर लेगा SRC
नेता प्रतिपक्ष चुनने में कांग्रेस नाकाम! अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खाली करना होगा सरकारी बंगला
Bihar Politics: 'जब तक नीतीश जिंदा हैं...', अशोक चौधरी ने बता दिया NDA में किसकी चलेगी, लालू यादव पर क्या कहा?
Sambhal Violence: हिंसा प्रभावित इलाके में पहुंची न्यायिक आयोग की टीम, लोगों से बात कर जाना सच
क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन के मूड में AAP? अरविंद केजरीवाल ने दे दिया जवाब
Bigg Boss 18: अविनाश ने चाहत पांडे को कहा गंवार, भड़के सलमान खान, बोले- ये क्या बदतमीजी है
IND vs PM XI: हर्षित राणा ने बरपाया कहर, 6 गेंद में ले डाले 4 विकेट; अकेले कंगारुओं की निकली हवा
वर्ल्ड एड्स डे से लेकर विजय दिवस तक जाने क्या क्या खास है इस दिसंबर के महीने में