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मुकदमा दर्ज होने से नाराज बीआरडी के जूनियर डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पांच नामजद रेजिडेंट डॉक्टरों समेत कुल 13 के खिलाफ मरीज और उसके साथ आए तीमारदारों के साथ मारपीट, लूट और हत्या के प्रयास में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.
गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पांच नामजद रेजिडेंट डॉक्टरों समेत कुल 13 के खिलाफ मरीज और उसके साथ आए तीमारदारों के साथ मारपीट, लूट और हत्या के प्रयास में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद सोमवार को जूनियर डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर चले गए. जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी ड्यूटी नहीं की. जिससे ट्रॉमा सेंटर में नए मरीजों की भर्ती बंद हो गई.
डॉक्टरों ने यह फैसला पुलिस द्वारा जनरल सर्जरी के पांच रेजीडेंटों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करने के बाद किया. डॉक्टरों के इस कदम से मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है. सैंकड़ों मरीज बगैर इलाज के लौट गए. दर्जनों गंभीर मरीजों को लेकर तीमारदार दूसरे अस्पताल चले गए. ओपीडी भी ठप रही. हालात की नजाकत को देख्रते हुए जूनियर डॉक्टरों ने समानान्तर ओपीडी संचालन शुरू कर दिया है.
बीआरडी में जूनियर डॉक्टर सोमवार को अचानक हड़ताल पर चले गए. सुबह करीब 10 बजे एमबीबीएस और पीजी के पांच सौ छात्र हॉस्टल से निकल कर प्राचार्य कार्यालय पहुंच गए. छात्र हाथों में पोस्टर लिए हुए थे. हड़ताली जूनियर छात्र वहीं धरने पर बैठ गए. इसकी अगुआई रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने की. हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में वार्ड में ड्यूटी कर रहे जूनियर डॉक्टर भी शामिल हो गए. मरीजों को हो रही परेशानी और विरोध जताने के लिए दोपहर करीब 12 बजे से जूनियर डॉक्टरों ने प्राचार्य कार्यालय के बाहर ही ओपीडी संचालन शुरू कर दिया.
जूनियर डॉक्टरों ने मेडिसिन, गायनी, जनरल सर्जरी, आर्थो, पीडिया, चर्म रोग और नेत्र रोग की ओपीडी संचालित की. डॉक्टरों ने अस्थाई ओपीडी में करीब 400 मरीजों का इलाज किया. सर्वाधिक 88 मरीजों का इलाज आर्थो की ओपीडी में हुआ. इसके अलावा मेडिसिन में 85, पीडिया में 65 और सज्ररी में 68 मरीजों का इलाज किया. ओपीडी संचालन के दौरान जूनियर डॉक्टरों की गायनी की विभागाध्यक्ष डॉ. रीना श्रीवास्तव से बहस हो गई. उन्होंने बगैर नोटिस डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने और समानान्तर ओपीडी संचालित करने पर एतराज जताया. डॉक्टरों ने इसका विरोध किया. उन्होंने नारेबाजी भी की.
जूनियर डॉक्टरों ने कॉलेज प्रशासन के सामने सुरक्षा के इंतजाम करने और डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग की. रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ओझा ने कहा कि कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से लगातार 48 घंटे ड्यूटी करने वाला डॉक्टर मार खाने को मजबूर है. उसके सुरक्षा के लिए कॉलेज प्रशासन कोई उपाय नहीं कर रहा है. डॉक्टर अपने पाकेट-मनी से रुपए जुटाकर सुरक्षागार्ड रखने को मजबूर हैं.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के तेरह जूनियर डाक्टर्स के खिलाफ गुलरिहा पुलिस ने मरीज और उनके साथ आए परिवारीजन से मारपीट, लूट और हत्या के प्रयास आदि गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इनमें से पांच डाक्टर्स नामजद हैं, जबकि अन्य अज्ञात हैं. गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र के इंद्रप्रस्थपुरम के रहने वाले शिवकुमार सिंह ने रपट दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने अपनी चाची चंद्रावती देवी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. उनके लिवर में इंफेक्शन था. नौ सिंतबर की रात में उनकी चाची का दर्द तेज हो गया. रात में वह मेडिकल कॉलेज में भर्ती दर्द से कराहती चाची को देखने के लिए बार-बार डाक्टर को बुलाने जा रहे थे, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था.
आरोप है कि रात भर मरीज के साथ शिवकुमार किसी तरह रहे. सुबह जब मरीज के अन्य परिजन आ गए तो उन्होंने सारी बात बताई. मरीज के परिजनों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मेडिकल कॉलेज के उच्चाधिकारियों से करने की बात कही. पीड़ित पक्ष के अनुसार परिवारीजन की बात सुनते ही वहां मौजूद कुछ डाक्टर भड़क गए. इन लोगों ने परिवारीजन के साथ बदसलूकी करनी शुरू कर दी. मामला मारपीट तक पहुंच गया. आरोप है कि एक दर्जन से अधिक डाक्टर मिलकर उन लोगों पर हमला कर दिया और ग्लूकोज स्टैंड से मार दिया, जिससे शिवकुमार के सिर पर चोट आ गई.
शिवकुमार के चचेरे भाई सुमीत व अमित को भी चोटें आई. इस मारपीट में बीमार को देखने आए एक और व्यक्ति को गंभीर चोटें आई. मरीज चंद्रावती भी बीचबचाव में घायल हो गईं. मौके पर पुलिस पहुंची तो प्राचार्य की तहरीर पर तीमारदारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया. उधर, इस मामले में मरीज के परिवारीजन भी केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी. शिवकुमार की तहरीर पर पुलिस ने करीब तेरह डाक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसमें पांच नामजद हैं. पुलिस ने इनके खिलाफ 147, 146, 149, 307, 323, 504, 506, 326, 342, 394, क्रिमिनल एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
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