कोलकाता: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन को खारिज करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को मंदिर के निर्माण के लिए एक कानून बनाने की मांग की.


मंदिर निर्माण में कोई कानूनी अड़चन नहीं


वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा, "एक प्रावधान है, जिसके तहत संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है और विधेयकों को पारित किया जाता है. मुझे नहीं लगता कि मंदिर निर्माण में कोई कानूनी अड़चन है. मौजूदा सरकार में हम सभी को विश्वास है..राम मंदिर को लेकर एक विधेयक पारित किया जा सकता है. यह उनकी कटिबद्धता भी है."


जैन ने कहा, "अयोध्या उत्तर प्रदेश में है और वहां योगी (मुख्यमंत्री आदित्यनाथ) हैं, जिन्होंने शपथ लेने के तुरंत बाद कहा था कि राम मंदिर का निर्माण उनके जीवन का मिशन है और 'मैं उसे किसी भी कीमत पर पूरा करूंगा.' मुझे लगता है कि मोदी तथा योगी दोनों सपने को जल्द साकार करेंगे."


सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को कोर्ट से बाहर सुलझाने के सुझाव पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के तीन शीर्ष संस्थानों ने बातचीत को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "आपको बातचीत के लिए दो लोगों की जरूरत है. जब एक व्यक्ति खुद से ही बातचीत करता है, तो आप नहीं समझ पाते कि वह कहना क्या चाहता है. जब सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए कहा, तो मुस्लिम समुदाय के तीनों स्तंभों-मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी-ने इसे तुरंत खारिज कर दिया."


महासचिव ने कहा, "..जब तीन तलाक की बात आती है, तो वे कहते हैं कि कोर्ट को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन जब रामजन्मभूमि की बात आती है, तो वे कहते हैं कि इसपर न्यायालय को फैसला देना चाहिए..क्या मजाक बना रखा है." अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर अपना रुख सोमनाथ मंदिर की ही तरह बताते हुए उन्होंने कहा, "अंतत: गेंद संसद के पाले में है."


अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून लाया जाए: वीएचपी


अदालत के बाहर समाधान की संभावना से इनकार करते हुए वीएचपी के एक वरिष्ठ नेता सुरेंद्र जैन ने आज कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए संसद में एक कानून पारित किया जाना चाहिए. जैन ने कहा, ‘‘सरकार पर हमें पूरा भरोसा है और हमें लगता है अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए जल्द ही एक कानून पारित किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वादा हमारे निश्चय से कहीं कम नहीं है.


शीर्ष न्यायालय द्वारा दिए गए न्यायालय के बाहर समाधान करने के सुझाव की संभावना से इनकार करते हुए जैन ने कहा, ‘‘मुस्लिम समुदाय से अन्य पक्ष चर्चा में और विमर्श में रूचि नहीं ले रहे हैं. इसलिए किसके साथ हम इस विषय पर चर्चा करें और समाधान करें. इस मुद्दे का समाधान निकालने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है एक कानून पारित करना और अयोध्या में राम मंदिर बनाना.’’


यह पूछे जाने पर कि राज्यसभा में बहुमत नहीं होने पर बीजेपी नीत राजग सरकार कानून किस तरह पारित करा पाएगी, जैन ने कहा, ‘‘ऐसे कई उदाहरण हैं, जब संसद में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के जरिए विधेयक पारित हुए हैं. राम मंदिर के बाबत एक विधेयक भी संयुक्त बैठक के जरिए पारित कराया जा सकता है.’’


जैन से जब पूछा गया कि क्या वीएचपी को केंद्र से इस विषय पर कोई आश्वासन मिला है, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम सब जानते हैं कि मोदीजी को आश्चर्यचकित करने में महारत हासिल है. इस मामले में भी आप एक आश्चर्य देख सकते हैं.’’ जैन ने रामनवमी के जुलूस में शामिल वीएचपी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की.