बुन्देलखंड : बुन्देलखंड के किसानों के साथ छलावा कोई नई बात नही है ,कभी प्रकति तो कभी इनकीं मजबूरी का फायदा उठाने वाले बैंक और उनके दलाल छलावा कर उनको कर्ज के बोझ में दबने के लिए मजबूर कर देते है.


ताजा मामला बुंदलेखंड के बांदा जनपद का है जहां एक गरीब किसान के नाम फर्जी तरीके से बैंक और दलालों ने मिलकर उसके किसान क्रेडिट कार्ड से 1 लाख रुपए निकाल लिए. कहीं सुनवाई ना होने के बाद जब किसान ने अदालत की शरण ली तब कोर्ट ने किसान के साथ धोखाधड़ी के मामले में बैंक मैनेजर ,कैशियर और दो दलालों के विरुद्ध मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.


मामला बांदा जनपद के अमारा गांव का हैं जहां के एक गरीब किसान शिवलाल को पैसे की जरूरत थी जिसके लिए 27 दिसम्बर 2017 को वह इलाहाबाद बैंक की जसपुरा शाखा में अपने किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेने गया था. जहां शातिर बैंक मैनेजर ने उसे रामू नाम के दलाल से मिलने को कहा और वहां से दफा कर दिया जब किसान को कुछ समझ नहीं आया तो वह घर वापस आ गया.


दूसरे दिन बैंक का दूसरा दलाल दंगल सिंह शिवलाल के पास गया और पैसे निकलवाने का झांसा देकर बैंक ले गया और उससे कुछ कागजो पर दस्तखत करवाकर 1 लाख रुपए उसके क्रेडिट कार्ड से निकाल लिए और उसका बंदरबाट कर लिया,जिसकी पास बुक में इंट्री भी नहीं की गई और उल्टा रामू और दंगल सिंह नाम के दलालों ने शिवलाल को धमकी दी कि अगर उसने पास बुक किसी को दिखाई तो वह गांव में नहीं रह पाएगा.



पीड़ित किसान जब अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत लेकर थाने गया तो दरोगा जी ने उसे वहां से धमकी देकर भाग दिया,और उल्टा दलालों से समझौता करने की नसीहत भी दी.इसके बाद वह पुलिस अधीक्षक सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों के पास गया लेकिन जब उसे कहीं न्याय नहीं मिला तो शिवलाल ने अदालत की शरण ली और कोर्ट ने मैनेजर ,कैशियर और दोनों दलालों रामूऔर दंगल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया जिसके बाद अब चारों आरोपियों के विरुद्ध जसपुरा थाने में आई पी सी की धारा 419,420,506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद अब समझौता करने के लिए दबंग दलालों द्वारा शिवपाल और उसके परिवार को धमकी दी रही है.



बैंको का ये खेल नया नहीं हैं शिवपाल तो सिर्फ एक बानगी है बुन्देलखंड में ऐसे तमाम किसान हैं जो अशिक्षा और अपनी मजबूरियों के चलते इन बैंक दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं और कर्ज के बोझ में पिसते रहते हैं या फिर आत्महत्त्या कर लेते हैं.हालांकि इस पूरे मामले कोआरोपी बैंक मैनेजर फर्जी बात रहे हैं साथ ही वो दलालों तो गलत बता रहे हैं लेकिन अपने को पाक साफ बताते हुए बैंक में लगे उस बोर्ड का हवाला देने भी नही चूकते जिसमें दलालों से सावधान रहने की बात लिखी है.



अदालत के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है,लेकिन यहां भी पीड़ित किसान शिवपाल को न्याय मिलने की उम्मीद बहुत कम दिखाई दे रही है,क्योंकि आरोपी दबंग और पैसे वाले हैं और पीड़ित बदहाली की मार झेलता बेहद गरीब किसान है.