लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी 'जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी)' के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.


बसपा गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार अजित जोगी का समर्थन करेगी. मायावती ने लखनऊ में अजित जोगी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बसपा ने फैसला लिया है कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह 'जकांछ (जोगी)' के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.

मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 35 विधानसभा सीटों पर बसपा और 56 सीटों पर जोगी की पार्टी चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि मीडिया में तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन वह जो बता रही हैं यही सच है, बाकी अफवाह है.

बसपा प्रमुख ने कहा, "हमारा साफतौर पर मानना है कि बसपा उसी पार्टी के साथ समझौता करेगी जो दलित, पिछड़े एवं आदिवासी लोगों के लिए काम करती हो ओर उनके कल्याण में जुटी हुई हो. हम यह भी देखेंगे कि उस पार्टी की सोच दलितों को लेकर कैसी है."

मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 15 वर्षो से भाजपा की सरकार है, लेकिन वहां गरीबों, आदिवासियों और पिछड़ों के हितों के लिए कुछ काम नहीं हुआ है. भाजपा सिर्फ मीडिया में ही बड़ी-बड़ी बातें करती नजर आती है.

बसपा प्रमुख ने कहा, "छत्तीसगढ़ में हम अजित जोगी के साथ इसीलिए गठबंधन कर रहे हैं, क्योंकि वे वहां के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और उन्हें सरकार चलाने का भी अनुभव है. उनके कार्यो को देखते हुए पार्टी ने उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है."

यूपी में महागठबंधन पर उठने लगे सवाल

दरअसल अभी तक ये माना जा रहा था कि मायावती, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का साथ देंगी लेकिन अब जब उन्होंने जोगी का साथ देने का फैसला किया है तो ये सवाल उठ रहा है कि यूपी में महागठबंधन का भविष्य क्या होगा.

जोगी के साथ बसपा के गठबंधन पर कांग्रेस का बयान भी आया है. पीएल पुनिया ने कहा," कांग्रेस में रहते हुए भी जोगी बीजेपी के इशारे पर काम करते थे. बीजेपी का बड़ा खेल है. यह पूरी डील बीजेपी के इशारे पर हुई है. लेकिन कोई भी गठबंधन जनभावनाओं से बड़ा नहीं हो सकता. इस बार छत्तीसगढ़ की जनता ने बीजेपी को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है. यह नतीजा नहीं बदलने वाला है."

यूपी में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के मिल कर लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है. अखिलेश यादव इसके लिए काफी प्रयास भी कर रहे हैं लेकिन अब देखना ये होगा कि यूपी में महागठबंधन का चेहरा कैसा होगा.